डीएनए हिंदी: भगवान अमरनाथ की यात्रा (Amarnath Yatra 2022) का पहला जत्था बाबा के दर्शन के लिए आज निकल चुका है. मान्यता है कि बाबा बर्फानी के हिम शिवलिंग के दर्शन से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. बता दें कि यह यात्रा 11 अगस्त तक चलेगी. इसी गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व की कथा सुनाई थी.
बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए भक्तों को कई चुनौतियों से गुजरना पड़ता है. यही कारण है कि कई भक्त दुर्गम यात्रा के कारण दर्शन नहीं कर पाते हैं. किन्तु उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है. वे घर बैठे भी बाबा बर्फानी की विधि-विधान से पूजा कर सकते हैं. आइए जानते हैं.
सुबह स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें और पूजा स्थल को साफ करें. उसके बाद बाबा अमरनाथ (Amarnath Yatra 2022) जी के शिवलिंग की तस्वीर स्थापित करें. तस्वीर मौजूद नहीं है चिंता न करें. केवल भगवान शिव और माता पार्वती की सामान्य तस्वीर भी स्थापित कर सकते हैं. इसके बाद भगवान भोलेनाथ को फूल, चंदन, धूप, गंध, शक्कर, अक्षत आदि अर्पित करें और ॐ नमः शिवाय के मंत्रों का जाप करते रहें.
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पूजा के बाद शिव चालीसा, पार्वती चालीसा और बाबा अमरनाथ की कथा का पाठ करें. फिर घी के दीपक या कपूर से भगवान की आरती करें. पूजा सम्पन्न होने के बाद बाबा को ध्यान करके उनसे मनोकामनाएं व्यक्त करें और भगवान को भोग लगाएं.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अमरनाथ धाम में ही माता सती का कंठ गिरा था. जिस वजह से हिन्दू धर्म में इस धाम का महत्व और अधिक बढ़ जाता है. 51 शक्तिपीठों में से महामाया शक्तिपीठ इसी गुफा में मौजूद है. मान्यता यह भी है कि अमरनाथ गुफा की खोज सर्वप्रथम ऋषि भृगु ने की थी.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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