Ashadh Purnima 2022: इस दिन पवित्र स्नान करने से होती हैं सभी मनोकामनाएं पूर्ण, जानें स्नान मुहूर्त और पूजा महत्व

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 10, 2022, 02:18 PM IST

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Ashadh Purnima 2022: आषाढ़ पूर्णिमा के दिन ही गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया जाता है और महर्षि वेद व्यास जी का जन्म भी इस दिन हुआ था.

डीएनए हिंदी: Ashadh Purnima 2022: 13 जुलाई 2020, बुधवार को आषाढ़ पूर्णिमा का दिन है. यह पवित्र दिन भगवान विष्णु को समर्पित है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से कई कष्ट दूर हो जाते हैं. आषाढ़ पूर्णिमा का दिन खास इसलिए भी है क्योंकि इस दिन महर्षि वेद व्यास जी का जन्म हुआ था. यही कारण है कि इस दिन को व्यास जयंती (Vyas Jayanti 2022) के रूप में भी जाना जाता है. आषाढ़ पूर्णिमा के दिन ही गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2022) पर्व मनाया जाता है. इस दिन गुरुओं का आशीर्वाद बहुत खास होता है. मान्यता है कि आषाढ़ पूर्णिमा के दिन पवित्र स्नान करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं आषाढ़ पूर्णिमा के दिन स्नान मुहूर्त और पूजा का महत्व.

आषाढ़ पूर्णिमा 2022 शुभ मुहूर्त (Ashadh Purnima 2022 Shubh Muhurat)

पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 12 जुलाई मंगलवार शाम 6:30 और इसका समापन 13 जुलाई बुधवार को दोपहर 2:36 पर होगा. इस दिन इंद्र योग बन रहा है जिसका समय 13 जुलाई को दोपहर 12:45 पर निर्धारित किया गया है.

आषाढ़ पूर्णिमा 2022 स्नान मुहूर्त (Ashadh Purnima 2022 Snan Muhurat)

मान्यता है कि इंद्र योग में पवित्र स्नान करने से व्यक्ति को बहुत लाभ होता है. इंद्र योग में धार्मिक कार्यों को पूर्ण करने से शुभ फल प्राप्त होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार भद्रा सुबह 5:30 पर शुरू होगा जो दोपहर 2:04 पर खत्म होगा. साथ ही राहु काल दोपहर 12:27 से दोपहर 2:10 तक रहेगा.

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आषाढ़ पूर्णिमा पूजा महत्व (Ashadh Purnima 2022 Puja)

  • आषाढ़ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा अवश्य करें. भगवान विष्णु की पूजा करने से मनोकामना पूर्ण होती है और सभी कार्य सफल हो जाते हैं.

  • इस दिन महर्षि वेदव्यास जी की भी पूजा करें और गुरु पूर्णिमा होने के कारण इस दिन गुरु की पूजा करना आवश्यक है. इससे उन्नति प्राप्त होती है.

  • रात्रि के समय माता लक्ष्मी की पूजा करने से धन, वैभव, सुख, समृद्धि की प्राप्ति होती है. साथ ही रात्रि के समय चंद्र देव की पूजा करने से कुंडली में चंद्र दोष समाप्त हो जाता है.

  • पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा करने से और कथा का पाठ करने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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