डीएनए हिंदी : इस बार ज्येष्ठ माह का आगाज और समापन मंगलवार को ही हो रहा है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, श्रीराम और हनुमानजी की पहली मुलाकात ज्येष्ठ मास के मंगलवार को ही हुई थी इसलिए इस मास को हनुमान जी की आराधना के लिए बहुत श्रेष्ठ जाता है. ज्येष्ठ माह के मंगलवार को हनुमानजी की पूजा-अर्चना करने से आरोग्य का वरदान प्राप्त होता है. इसे बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल भीकहते हैं. इस दिन बजरंग बाण और सुंदरकांड का पाठ करने से हर संकट दूर होते हैं. इस बार पहला बुढ़वा/बड़ा मंगल 17 मई को पड़ा है. जानिए क्या है बड़ा मंगल पूजा का सही तरीका आचार्य डॉ विक्रमादित्य से...
गुप्त मनोकामना की पूर्ति के लिए
आज सायंकाल बटवृक्ष की जड़ के पास पान के पत्ते पर घागायुक्त मिश्री को रखकर उसपर थोड़ा का गाय का दूध अर्पित करें. फिर एक कपूर की टिकिया जलाकर अपनी मनोकामना का स्मरण करें.
आज मंगलवार है. मंगलवार के दिन हनुमान जी की विशेष रूप से पूजा की जाती है. सनातन धर्म में राम भक्त हनुमान जी को संकटों को हरने वाले देवता माना गया है, क्योंकि इनकी पूजा करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से मनोकामना पूर्ण होती है और उत्तम फल की प्राप्ति होती है.
11वें रुद्रावतार का जन्म Tuesday को माना जाता है
श्रीराम के परम भक्त व 11वें रुद्रावतार का जन्म मंगलवार को माना जाता है. हिंदू धर्म में चिरंजीवी हनुमान जी को अति बलशाली माना गया है. ऐसे में माना जाता है कि मंगलवार को हनुमान जी की पूजा, उपासना, मंत्रा और चालीसा पाठ करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं.
मंगलवार का व्रत भगवान हनुमान को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है. कोई पारिवारिक समस्या हो या फिर कोई अन्य शारीरिक कष्ट, बजरंगबली की पूजा करने से शांति मिलती है और भक्तों के कष्ट दूर होते हैं. हनुमान जी की पूजा करते समय पवित्रता का विशेष ध्यान रखना अनिवार्य है. जब भी पूजा करें, तब मन और तन से पवित्रता हो. पूजन के दौरान गलत विचारों की ओर मन को भटकने न दें.
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