Chanakya Niti: सोच-समझ कर करते हैं काम तो बनी रहती है माता लक्ष्मी की कृपा

Written By शांतनू मिश्र | Updated: Jul 26, 2022, 11:23 AM IST

Chanakya Niti in hindi, Chanakya Niti

Chanakya Niti in hindi: चाणक्य नीति के इस भाग में जानते हैं कि व्यक्ति को किस तरह कार्य करना चाहिए. 

डीएनए हिंदी: Chanakya Niti- विद्या, विवेक और परिश्रम जीवन में सफलता के तीन मुख्य सिद्धांत हैं. जिस व्यक्ति में यह तीन गुण होते हैं वह कभी पीछे मुड़कर नहीं देखता है. चाणक्य नीति में भी आचार्य चाणक्य ने इसी बात को समझाया है. बता दें कि आचार्य चाणक्य को ज्ञान का भंडार कहा जाता था और चाणक्य नीति को ज्ञान का पिटारा. जो व्यक्ति इसमें रखे ज्ञान रूपी धन को बटोर लेता है वह जीवन में कभी भी मुश्किलों का सामना नहीं करता है. आचार्य चाणक्य को विश्व के श्रेष्ठतम विद्वानों में गिना जाता है. वह इसलिए भी क्योंकि उन्होंने राजनीति, कूटनीति और अर्थनीति पर कुछ ऐसे नीतियों (Chanakya Niti for Success) का निर्माण किया था जिनसे कई बाधाएं दूर हो जाती हैं. चाणक्य नीति के इस भाग में आइए जानते हैं कि व्यक्ति को किस तरह कार्य करना चाहिए. 

Chanakya Niti: कैसा होना चाहिए व्यक्ति का स्वाभाव?

सहसा विदधीत न क्रियामविवेकः परमापदां पदम्। 
वृणते हि विमृश्यकारिणं गुणलुब्धाः स्वयमेव संपदः।। 

चाणक्य नीति के इस श्लोक का भावार्थ है कि व्यक्ति को कभी भी आवेश या जोश में आकर कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए. वह इसलिए क्योंकि विवेक हीनता विनाश का सबसे बड़ा कारण है. वहीं जो व्यक्ति सूझ-बूझ से कार्य करता है उसका चयन माता लक्ष्मी स्वयं कर लेती हैं. 

Chanakya Niti: दुर्लभ चीज को हासिल करने में मदद करती है आचार्य चाणक्य की ये शिक्षा

चाणक्य नीति के इस श्लोक में आचार्य चाणक्य ने जीवन की सबसे महत्वपूर्ण शिक्षा दी है. उन्हें आनन-फानन में किए गए कार्य और सोच-समझकर किए गए कार्य के बीच बड़ा अंतर बताया है. आचार्य (Acharya Chanakya) के अनुसार जो व्यक्ति क्रोध में, जोश में या जल्दबाजी में कार्य करता है उसके नकारात्मक परिणाम आने की संभावना अधिक हो जाती है. वह इसलिए क्योंकि क्रोध में किए गए कार्य में दिल और दिमाग का इस्तेमाल कम होता है. जोश में किए गए कार्य में कुछ छूट जाने खतरा बढ़ जाता है. यही कारण है कि व्यक्ति की बनी-बनाई योजना पर पानी फिर जाता है. इसलिए व्यक्ति को धैर्य से और सोच-समझकर कार्य करना चाहिए. धैर्यवान व्यक्ति किसी भी परिस्थिति में अपने पथ से नहीं डगमगाता. वह हर कार्य करने से पहले सही-गलत में फर्क निकालता है और फिर उसे पूरा करता है. इसलिए आचार्य चाणक्य ने अंत में कहा है कि ऐसे व्यक्ति पर माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है क्योंकि ऐसा व्यक्ति हमेशा सफल होता है. 

Chanakya Niti: न रहें उस जगह पर जहां नहीं रहता है कोई विद्वान, ये 5 स्थान नहीं हैं रहने लायक

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.