डीएनए हिंदी: आचार्य चाणक्य ने जीवन में कई सकारात्मक लक्षणों को अपनाने की सलाह दी है. उन्होंने चाणक्य नीति ( Chanakya Niti ) के द्वारा हमें यह समझाने का प्रयास किया है कैसे हम जीवन में सफल व्यक्ति बन सकते हैं. साथ ही यह भी समझाया है कि कौन सी चीज़ें सफलता निकट आते हुए भी हमसे दूर भाग जाती हैं.
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में कहा है कि जीवन में सफलता के लिए सकारात्मक रहना अतिआवश्यक है. जो लोग समय-समय नकारात्मक विचार कहते और सुनते हैं वह जीतने की ऊर्जा को खो बैठते हैं. नकारात्मकता से न केवल लक्ष्य पाने में बाधा आती है बल्कि ऐसे लोगों पर मां लक्ष्मी की कृपा भी नहीं होती है. इसलिए किसी कार्य को शुरू करने से पहले नकारात्मक विचारों को नजदीक न आने दें.
चाणक्य नीति में आलस को मनुष्य का दुश्मन बताया गया है. वह इसलिए क्योंकि जीवन में आगे बढ़ने की कामना रखने वाला व्यक्ति आलस के कारण महत्वपूर्ण अवसरों को खो देता है. स्वयं पर अधिक से अधिक नियंत्रण बनाएं और आलस को अपने पास न आने दें. इससे धन की कमी भी दूर हो जाएगी.
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चाणक्य नीति में संगत को महत्वपूर्ण बताया गया है और गलत संगत को विष. इसलिए आचार्य चाणक्य गलत संगत से दूर रहने की सलाह देते हैं. गलत संगत से व्यक्ति सफलता प्राप्त करने के काबिल होते हुए भी नहीं कर पाता है. अच्छी संगत से अच्छे विचार आते हैं, प्रतिभा में वृद्धि होती है. वहीं बुरी संगत से गलत आदतें पैदा होती हैं और व्यक्ति अपना सम्मान समाज में खो देता है. इसलिए संगत को ध्यान से चुनें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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