Chanakya Niti : इस ज्ञान को जीवन में अपनाने से कदम चूमेगी सफलता 

| Updated: Apr 14, 2022, 05:54 PM IST

चाणक्य नीति

सुखी जीवन क्या है और कैसे इसे सुगम तरीके से चलाया जा सकता है जानिए Chanakya Niti की इस सीख से.

डीएनए हिंदी: आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) की नीतियों ने हर वर्ग का अलग-अलग रूप में मार्गदर्शन किया है. उन्होंने जीवन से जुड़े कई ऐसे रहस्यों से पर्दा उठाया है जिसे शायद ही कोई आम आदमी सोच सकता है. यदि एक व्यक्ति चाणक्य नीति (Chanakya Niti) के ज्ञान का पालन करता है तो आनंदमय जीवन जी सकता है. सुखी जीवन (Secrete Of Success) क्या है और कैसे इसे सुगम तरीके से चलाया जा सकता है जानिए आचार्य चाणक्य के इस श्लोक (Chanakya Shloka) से-

धन धान्य प्रयोगेषु विद्या संग्रहेषु च।
आहारे व्यवहारे च त्यक्तलज्जः सुखी भवेत्॥

अर्थात- धन और अनाज के लेन-देन, विद्या ग्रहण करते समय, भोजन तथा आपसी व्यवहार में कभी भी संकोच न करें तभी आप सुखी जीवन जी सकते हैं.

आचार्य चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को इन सभी बातों से संकोच नहीं करना चाहिए. अगर इन चीजों को लेकर व्यक्ति संकोच करता है तो वह जीवन में आनंद की अनुभूति नहीं कर पाता है. चणक्य नीति (Chanakya Niti Quotes) में यह बताया गया है कि व्यक्ति को कभी भी पैसे और अनाज के विषय में संकोच नहीं करना चाहिए. आपने किसी को पैसा दिया है तो उससे बिना किसी शर्म के वापस मांग लें क्योंकि जिस समय उसके पास धन की कमी थी तब आपने मदद की लेकिन जब आपको धन की आवश्यकता है तो आप भी बिना किसी संकोच के ऐसा कर सकते हैं. इसी तरह अगर आपके पास या किसी अन्य व्यक्ति के पास अन्न की कमी है तो आप बिना किसी शर्म के मांग लेन या उन्हें दे दें. 

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विद्या वह धन है जिसे जितना अर्जित करें उतना ही कम है. ऐसे में अगर आप इसे ग्रहण करने में संकोच करेंगे, तो सफलता कभी आपके पास नहीं आएगी. यही कारण है कि जो प्रश्न या विषय आपको समझ न आ रहा हो, उसे अध्यापक या विद्यानों से पूछ लेना चाहिए. आचार्य चाणक्य ने यह भी बताया है कि भोजन करने में और किसी व्यक्ति को भोजन कराने में कभी संकोच नहीं करना चाहिए. वह इसलिए क्योंकि अच्छा भोजन ऊर्जा का स्रोत है और भरपेट भोजन करने से आप किसी भी कार्य को बिना किसी बाधा के कर सकते हैं.

आचार्य चाणक्य (Chanakya Quotes) के अनुसार, व्यक्ति जिस तरह से दूसरों के साथ व्यवहार करता है उसे लोग उसी तरह जानते और समझते हैं. इसलिए समाज में आपका मान-सम्मान अर्जित करने के लिए आपको हमेशा अपना व्यवहार मधुर रखना चाहिए. साथ ही अपने बड़ों का आदर-सत्कार करना चाहिए. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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