Chanakya Niti: न रहें उस जगह पर जहां नहीं रहता है कोई विद्वान, ये 5 स्थान नहीं हैं रहने लायक

शांतनू मिश्र | Updated:Jul 21, 2022, 02:46 PM IST

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Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में लोगों को विस्तार से बता रहे हैं किस जगह रहना उचित होगा और किस जगह नहीं...

डीएनए हिंदी: Chanakya Niti- जिस स्थान पर व्यक्ति निवास करता है उसका प्रभाव निश्चित रूप से उसके जीवन-शैली पर पड़ता है. उसके रहन-सहन पर, विचारों पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है. आचार्य चाणक्य ने भी इसी विषय पर कुछ नीतियों का निर्माण किया था. जिनको समझना आज बहुत जरूरी है. आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti in Hindi) को विश्व की श्रेष्ठ विद्वानों में गिना जाता है. उनके द्वारा बताई गई नीतियों का आज भी पालन किया जाता है. उन्होंने राजनीति, कूटनीति और अर्थनीति पर गहन अध्ययन किया था और चाणक्य नीति का निर्माण किया था.

आचार्य चाणक्य ने जीवन शैली में सुधार लाने के लिए भी ऐसे कई नीतियों का निर्माण किया जिनसे व्यक्ति सफलता की ओर बढ़ सकता है. चाणक्य नीति के इस भाग में कुछ ऐसे ही श्लोकों पर ध्यान केंद्रित करेंगे जो यह बताते हैं कि व्यक्ति को किन-किन जगहों पर निवास नहीं करना चाहिए.

चाणक्य नीति के अनुसार इन 5 जगहों पर निवास करना है मूर्खता (Chanakya Niti Gyan)

यस्मिन् देशे न सम्मानो न वृत्तिर्न च बान्धवाः। 
न च विद्यागमोऽप्यस्ति वासस्तत्र न कारयेत्।।

चाणक्य नीति के इस श्लोक में बताया गया है कि जिस देश में व्यक्ति का सम्मान नहीं होता, जहां आजीविका ना मिले, जहां कोई भाई बंधु या परिवार का कोई सदस्य न रहता हो. साथ ही जहां विद्या और अध्ययन करना संभव ही ना हो ऐसे स्थान पर रहना उचित नहीं है. ऐसे स्थान से पलायन करना ही बुद्धिमानी का काम है.

लोकयात्रा भयं लज्जा दाक्षिण्यं त्यागशीलता। 
पञ्च यत्र न विद्यन्ते न कुर्यात्तत्र संगतिम्।।

आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) इस श्लोक के माध्यम से बता रहे हैं कि जिस भी स्थान पर आजीविका यानी व्यवसाय ना हो, लोगों में भय और लज्जा ना हो, कहीं पर उदारता या दान देने की प्रवृत्ति ना हो. ऐसे किसी भी पांच स्थानों पर मनुष्य को निवास नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से वह कई प्रकार की मुश्किलों का सामना कर सकता है.

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धनिकः श्रोत्रियो राजा नदी वैद्यस्तु पञ्चमः। 
पञ्च यत्र न विद्यन्ते न तत्र दिवसे वसेत।।

चाणक्य नीति के महत्वपूर्ण श्लोक में बताया गया है कि जहां कोई सेठ, कोई विद्वान, राजा और चिकित्सा के लिए वैद्य ना हो. जहां नदी ना बहती हो ऐसे किसी भी पांच स्थानों पर एक भी दिन रुकना उचित नहीं है. ऐसा करने से व्यक्ति कई परेशानियों से गुजर सकता है. साथ ही वह खुद को कई मुश्किलों में पाएगा. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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