डीएनए हिंदी: आचार्य चाणक्य ने जीवन की कई विशेषताओं को चाणक्य नीति ( Chanakya Niti ) के ज़रिए बताया है. चाहे वह सुख-समृद्धि के विषय में बात हो या आनंदमय जीवन का रहस्य हो, कौटिल्य ने हर विषय पर आम जन को शिक्षित करने का कार्य किया है. साथ ही कुछ ऐसी बातों से भी सतर्क रहने के लिए कहा है जिनसे व्यक्ति पतन की और जा सकता है.
चाणक्य नीति ( Chanakya Niti ) के इस भाग में आज हम ऐसे ही विषय पर बात करेंगे जिसमें आचार्य चाणक्य ने यह बताया है कि एक सोने के समान शुद्ध व्यक्ति की कैसे पहचान की जाती है. वह इसलिए क्योंकि एक पत्थर पर घिसकर असली सोने की पहचान तो की जा सकती है, लेकिन किसी व्यक्ति को सिर्फ देखकर उसके नीयत के बारे में नहीं जाना जा सकता है. आइए जानते हैं किस तरह सच्चे व्यक्ति को परखा जा सकता हैं.
कर्म
गलत ढंग से धन अर्जित करने वाले व्यक्ति या बुरी आदतों की चपेट में आए व्यक्ति से दूरी बना लें. इससे आपके जीवन पर बुरा असर पड़ता है.
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आचरण
व्यक्ति का आचरण ही उसकी पहचान बता देती है. आचरण में शुद्ध व्यक्ति किसी के लिए गलत भावनाएं नहीं रखता है और गलत कार्यों से भी दूर रहता है. ऐसे व्यक्ति भी सच्चे होते हैं.
त्याग
आचार्य चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति दूसरों के सुख में साथ खड़ा हो और दुख में भी उसी तरह खड़ा हो तो समझ जाएं कि वह व्यक्ति सच्चा है. धूर्त व्यक्ति वे होते हैं जो अच्छे वक्त में साथ खड़े होकर मुस्कुराते हैं मगर दुख के समय में दूर भाग जाते हैं.
गुण
झूठ बोलना, अहंकार दिखना, लोगों का अपमान करना अवगुण की श्रेणी में आते हैं और अगर दूसरे व्यक्ति में ऐसे गुण दिख रहे हैं तो उससे तुरंत किनारा कर लें. ऐसा भी हो सकता है कि आपके पीठ पीछे वह भी आपकी बुराई करते हों.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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