Gem Stone: पहन रहे हैं हीरा या नीलम तो जरूर फ़ॉलो करें ये नियम

| Updated: Apr 07, 2022, 12:45 PM IST

सांकेतिक चित्र

हीरा और नीलम को ज्योतिष शास्त्र में बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है, इसलिए जानिए इनके महत्व और पहनने के नियम.

डीएनए हिंदी: ज्योतिष(Astrology) शास्त्र में हर तरह के समस्याओं का समाधान उपलब्ध है. किन्तु इसमें समाधान के साथ-साथ सावधानियों को भी बताया गया है. यही कारण है कि ज्योतिष शास्त्र में बताए गए ग्रहों का प्रभाव व्यक्ति पर सकारात्मक या नकारात्मक रूप से पड़ता है. इन्हीं नकारात्मक प्रभावों को निरस्त करने के लिए ज्योतिष विद्या में भिन्न-भिन्न प्रकार के रत्नों का वर्णन किया गया है. यह रत्न कई प्रकार के दुष्प्रभाव को कम करने का कार्य करते हैं. 

बता दें कि ग्रहों के दुष्प्रभाव से मन और मस्तिष्क अशांत रहता है, जिसका प्रभाव अन्य कार्यों पर भी पड़ता है. इसलिए ज्योतिष विद्वान विभिन्न रत्नों को प्रयोग करने का सुझाव देते हैं. ऐसे ही दो महत्पूर्ण रत्न हैं हीरा और नीलम(Heera and Neelam), जिनको ज्योतिष शास्त्र में बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है. किन्तु, इन शक्तिशाली रत्नों को धारण करने के पीछे भी कुछ नियम बताए गए हैं. यदि कोई व्यक्ति इन नियमों का पालन नहीं करता है तो वह दुष्प्रभाव का सामना कर सकता है. जानिए हीरे और नीलम को धारण करने के नियम: 

हीरा (Diamond)

ज्योतिष शास्त्र में हीरे को शुक्र(Shukra) ग्रह का रत्न वर्णित किया गया है. इस प्रभावशाली रत्न को धारण करने से जीवन में सुख, सम्पत्ति एवं सौंदर्य का आगमन होता है. यह रत्न व्यक्ति के वैवाहिक जीवन(Married Life) के साथ स्वास्थ्य जीवन पर भी प्रभाव डालता है. इसलिए इसे धारण करने के लिए कुछ नियम बताए गए हैं. बता दें कि यह मान्यता है कि खून या मधुमेह की समस्या वाले व्यक्ति को हीरा नहीं धारण करना चाहिए. 

दाग वाला हीरा या क्षतिग्रस्त हीरा धारण करने से बचें. मूंगा या फिर गोमेद रत्न को हीरे के साथ भूलकर भी धारण न करें. ऐसा करने से आपके चरित्र पर बुरा प्रभाव पड़ेगा. 

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नीलम (Sapphire)

रत्न शास्त्र में बताया गया है कि नीलम शनि(Shani) ग्रह का मुख्य रत्न हैं. किसी व्यक्ति को शनि के प्रकोप से बचने के लिए नीलम रत्न का सुझाव दिया जाता है. किन्तु इसे भी धारण करते समय विशेष सावधनी बरतनी चाहिए. बिना ज्योतिष सलाह के नीलम रत्न को धारण करना जीवन को अस्त-व्यस्त कर सकता है. 

शुद्ध नीलम ही धारण करें, इसलिए इस रत्न को लेने से  तरह जांच करा लें. साथ ही नीलम रत्न को लोहे और चांदी जैसे धातु के साथ पहनने का सुझाव दिया जाता है. सोने के साथ इसका प्रभाव कम हो जाता है. इस रत्न को बाएं हाथ में धारण किया जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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