Apara Ekadashi 2022: अपरा एकादशी के दिन ना करें ये काम, नाराज़ हो सकते हैं भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: May 19, 2022, 05:40 PM IST

अपरा एकादशी 2022

ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को Apara Ekadashi 2022 कहा जाता है. हिन्दू धर्म में अपरा एकादशी व्रत को बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है.

डीएनए हिंदी: हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास शुरू हो चुका है. इस माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी ( Apara Ekadashi 2022 ) कहा जाता है. यह दिन अचला एकादशी के नाम से भी कुछ जगहों पर प्रचलित है. इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विधि-विधान से की गई पूजा से भगवान प्रसन्न होते हैं. बता दें कि इस साल अपरा एकादशी 26 मई गुरुवार को है. हिन्दू धर्म में अपरा एकादशी व्रत को बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है इसलिए पूजन के दौरान की गई गलतियां जीवन पर नकारात्मक परिणाम दे सकती हैं.  यह किसी भी व्यक्ति के लिए भी अच्छा नहीं माना जाता है. आइए जानते हैं किन गलतियों से हो सकता है आपको नुकसान.

Apara Ekadashi 2022 के दिन ना करें ये गलतियां

  • अपरा एकादशी के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.

  • अपरा एकादशी के दिन चावल खाने से बचें. मान्यता अनुसार इस दिन चावल खाने से व्यक्ति अगले जन्म में रेंगने वाले जीव में जन्म होता है.

  • अपरा एकादशी के दिन व्रत करने वाले लोग भूलकर भी क्रोध न करें, ऐसा नहीं मानने वालों से भगवान विष्णु रुष्ट होते हैं.

  • इस दिन किसी का अपमान ना करें. इससे मां लक्ष्मी नाराज होती हैं.

  • इस दिन साबुन का प्रयोग न करें. नाखून और बाल काटने से बचें.

  • एकादशी वाले दिन पीले वस्त्र धारण करें.

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एकादशी व्रत मुहूर्त

ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि का प्रारंभ: 25 मई 2022 दिन बुधवार को सुबह 10:32 से 
तिथि समापन: 26 मई गुरुवार सुबह 10:54 पर
अपरा एकादशी व्रत का प्रारंभ: 26 मई 2022 दिन गुरुवार को
एकादशी व्रत पारण: 27 मई दिन शुक्रवार प्रातः काल 5:30 से 8:05 तक

Apara Ekadashi 2022 व्रत का महत्व

अपरा एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति को जीवन के सभी सुखों की प्राप्ति होती है. इस दिन व्रत करने से भक्तों को प्रेतयोनि से मुक्ति प्राप्त होती है. इस एकादशी को मोक्षदायनी भी कहा जाता है जिसका मतलब है कि मृत्यु के बाद व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है. भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा से व्यक्ति को लाभ मिलता है. इसके साथ जीवन में मान-सम्मान में वृद्धि होती है. साथ ही धन, वैभव और आरोग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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