Geeta ke Updesh: गीता के इन 3 श्लोकों को पढ़ा क्या? इनमें छिपा है जीवन का असली राज़

शांतनू मिश्र | Updated:Jul 18, 2022, 06:44 PM IST

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Geeta ke Updesh: श्रीमद्भगवद्गीता में कई ऐसी बातें बताई गई हैं जिनको केवल समझने से और उनका पालन करने से व्यक्ति का जीवन सफल हो जाता है.

डीएनए हिंदी: Geeta ke Updesh- कुरुक्षेत्र के रणभूमि में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को उपदेश दिया था. आज उन्हीं उपदेशों को श्रीमद्भगवद्गीता के रूप में महर्षि वेदव्यास जी ने संकलित किया था. बता दें श्रीमद्भगवद्गीता में कई ऐसी बातें बताई गई हैं जिनको केवल समझने से और उनका पालन करने से व्यक्ति का जीवन सफल हो जाता है. जिस तरह श्री कृष्ण ने अर्जुन को महाभारत के रणभूमि में जीवन का उपदेश (Bhagavad Gita shloka) दिया था. उसी प्रकार आज के समय में महा पुराण गीता मनुष्य को जीवन का अर्थ बताती है. आइए जानते हैं गीता के कुछ श्लोक जिनमें छिपे हैं जीवन के कई सत्य.

गीता के उपदेश (Geeta Updesh for Success)

चिन्तया जायते दुःखं नान्यथेहेति निश्चयी। 
तया हीनः सुखी शान्तः सर्वत्र गलितस्पृहः।।

गीता के इस श्लोक में बताया गया है कि चिंता से ही दुख उत्पन्न होता है, किसी अन्य कारण से नहीं. जो व्यक्ति इस चिंता से रहित हो जाता है वह सुखी, शांत और सभी अवगुणों से मुक्त हो जाता है.

यत्साङ्‍ख्यैः प्राप्यते स्थानं तद्यौगैरपि गम्यते। 
एकं साङ्‍ख्यं च योगं च यः पश्यति स पश्यति।।

श्लोक के माध्यम से यह बताया गया कि जो ज्ञान योगियों द्वारा प्राप्त किया जाता है वही ज्ञान कर्म योगियों द्वारा भी प्राप्त किया जाता है. इसलिए जो पुरुष ज्ञान योग और कर्म योग को एक समान देखता है वही यथार्थ समान है.

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यद्यदाचरति श्रेष्ठस्तत्तदेवेतरो जन:। 
स यत्प्रमाणं कुरुते लोकस्तदनुवर्तते।।

गीता (Bhagwad Gita in Hindi) के इस श्लोक के अनुसार श्रेष्ठ पुरुष जो-जो श्रेष्ठ काम करता है दूसरे या आम इंसान भी वैसा ही आचरण या काम करते हैं. वह जो प्रमाण या उदाहरण प्रस्तुत करते हैं, समस्त मानव समुदाय उसी का पालन करने लगता है.

कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि।।

अर्थात कर्म पर ही तुम्हारा अधिकार है, लेकिन कर्म का फल कैसा होगा यह तुम नहीं जानते. इसलिए कर्म करते रहो फल की चिंता मत करो. साथ ही इस बात का भी ध्यान रखो कि तुम फल के लिए कोई भी काम ना करो.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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