डीएनए हिंदी: Gemology Chandramani Gem- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति के जीवन में मणि और रत्नों का बहुत महत्व है. माना जाता है कि यह व्यक्ति के जीवन में आ रही परेशानियों को दूर करते हैं और जन्मकुंडली में कमजोर ग्रह को मजबूत करने का काम करते हैं. आज हम बात कर रहे हैं चंद्रमणि रत्न की जिसका गहरा संबंध चंद्र ग्रह (Chandra Grah) से है. आइए जानते हैं किस प्रकार चंद्रमणि (Chandramani) रत्न पहुंचाता है व्यक्ति को लाभ और क्या है इसे धारण करने की सही विधि.
चंद्रमणि रत्न के ऊपर चमक दिखाई देती है जो दूधिया रंग की होती है साथ ही यह चांदी के जैसे दिखाई देती है. इस रत्न के सतह पर कई बार नीली आभा का प्रकाश दिखाई देता है. बता दें कि जितना अधिक यह आभा होती है रत्न की महंगाई उतनी ही बढ़ जाती है. इस बात का ध्यान रखें कि बाजार में कई नकली चंद्रमणि भी मौजूद है इसलिए इसे टैब टेस्टेड ही लें.
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वृश्चिक राशि के जातकों के भाग्य का स्वामी चंद्रमा है. इसलिए उन्हें चंद्रमणि पहनना चाहिए. इसके साथ चंद्र देव कर्क राशि के स्वामी ग्रह है जिस वजह से इस राशि के जातक भी यह रत्न धारण कर सकते हैं. केवल इस बात का ध्यान रखें कि चंद्रमा अगर नीच स्थान में हैं उन्हें यह रत्न नहीं धारण करना चाहिए.
व्यक्ति ने अगर निर्धारित नियम के अनुसार इस रत्न को धारण करता है तो उसके जीवन में से कई प्रकार की परेशानियां दूर हो जाती हैं. माना जाता है कि चंद्रमणि को धारण करने से परिवार के सदस्यों में तनाव या वैचारिक मतभेद की स्थिति कम हो जाती है. इसके साथ व्यक्ति अपने काम में और अपने फैसले लेने की क्षमता में मजबूत होता है. चंद्रमणि धारण करने से जिस व्यक्ति को अधिक क्रोध आता है उन्हे भी फायदा मिलेगा.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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