Rudraksha: भगवान शिव के प्रिय रुद्राक्ष को धारण करने से पहले जान लें महत्वपूर्ण नियम

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Apr 12, 2022, 10:31 AM IST

रुद्राक्ष

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रुद्राक्ष पहनने के कई फायदे हैं, लेकिन रुद्राक्ष को धारण करने से पहले इससे जुड़े नियम अवश्य जान लें.

डीएनए हिंदी: सनातन संस्कृति में रुद्राक्ष (Rudraksha) को अति-महत्वपूर्ण और पवित्र माना गया है, साथ ही यह भगवान शिव (Lord Shiva) को भी अति प्रिय है. मान्यता अनुसार जो लोग विधि-विधान से रुद्राक्ष को धारण करते हैं, उनपर भगवान शिव की विशेष कृपा बनी रहती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव के अश्रुओं से रुद्राक्ष की उत्पत्ति हुई थी और यह भी माना जाता है कि रुद्राक्ष धारण करने से स्वास्थ्य लाभ (Importance of Rudraksha) भी होता है. रक्तचाप, हृदय रोग जैसी बीमारियां रुद्राक्ष (Rudraksha Mala) धारण करने से मिट जाती हैं.

रुद्राक्ष के भी कई प्रकार होते हैं, आपको एक मुखी से लेकर इक्कीस मुखी तक रुद्राक्ष प्राप्त हो सकते हैं. इन सभी का अपना-अपना महत्व है. इसे धारण करने से कई प्रकार के संकट का नाश होता है और कुंडली में उत्पन्न हुई अशुभता से भी मुक्ति मिलती है. बता दें कि रुद्राक्ष धारण करने के कई फायदे हैं. वेद-पुराणों में रुद्राक्ष को आलौकिक माना गया है, साथ ही किसी जाप को आरंभ करने के लिए रुद्राक्ष का ही प्रयोग किया जाता है. लेकिन रुद्राक्ष को धारण करने से पहले इससे जुड़े नियम (Rules of wearing Rudraksha) अवश्य जान लें, नहीं तो आप दुष्प्रभाव का सामना भी कर सकते हैं. आइए जानते हैं रुद्राक्ष धारण करने के कुछ खास नियम.

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रुद्राक्ष धारण करने के कुछ खास नियम:

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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