डीएनए हिंदी: भगवान श्री गणेश (Lord Ganesha) का स्थान हिन्दू धर्म में सबसे ऊंचा माना जाता है. यही कारण है कि कोई भी मंगल कार्य शुरू करने से पहले इनका स्मरण जरूर किया जाता है. मान्यता है कि भगवान श्री गणेश की कृपा जिस व्यक्ति पर होती है उसके सभी दुख-दर्द दूर हो जाते हैं और वह चैन से जीवन जीता है. किन्तु घर में भगवान गणेश (Lord Ganesha Vastu Tips) की प्रतिमा स्थापित करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. ऐसे में वास्तु के कुछ नियमों को जान लेना भी महत्वपूर्ण हो जाता है. आइए जानते हैं किन उपायों का करना चाहिए पालन.
घर में स्थापित भगवान गणेश की ये मूर्ति
वास्तु के अनुसार घर में कभी भी भगवान गणेश की नृत्य करते हुए मूर्ति नहीं लाना चाहिए. इससे लाभ की जगह नुकसान हो सकता है. साथ ही ऐसी मूर्ति को उपहार में भी नहीं देना चाहिए इससे न केवल देने वाले के जीवन पर बल्कि उपहार लेने वाले के जीवन पर भी बुरा असर पड़ता है.
मूर्ति स्थापित करने से पहले दिशा का रखें ध्यान
घर के मंदिर के अतिरिक्त आप बाहर कहीं भगवान की मूर्ति रखना चाहते हैं तो उत्तर-पूर्व दिशा सबसे अधिक लाभकारी है. ध्यान रहे कि मूर्ति दक्षिण दिशा में ना हो. मान्यता यह है कि दक्षिण दिशा में मूर्ति स्थापित करने से भगवान नाराज हो जाते हैं.
नौकरी में आ रही है समस्या तो इस बात का रखें ध्यान
नौकरी में या व्यवसाय में जो लोग समस्या का सामना कर रहे हैं उन्हें भगवान श्री गणेश की वंदना जरूर करनी चाहिए। वास्तु के अनुसार भगवान की सिंदूरी रूप की फोटो लगाने से सभी बाधाएं दूर हो जाएगी. इसके साथ नौकरी में सफलता हासिल होगी.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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