Sant Tukaram : भगवान विट्ठल के इस भक्त के बारे में जानिए जिनके मंदिर का आज PM Modi ने किया है उद्घाटन

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jun 14, 2022, 04:40 PM IST

फोटो साभार- PMO India/ Twitter

Sant Tukaram को महाराष्ट्र की संत परंपरा में को संत शिरोमणि की उपाधि से नवाजा गया है. आइए जानते हैं संत तुकाराम के जीवन के विषय में कुछ खास बातें.

डीएनए हिंदी: भारत को संतों का देश माना जाता है. यहां कई ऐसे संत और आध्यात्मिक गुरुओं का जन्म हुआ जिन्होंने अध्यात्म को जनमानस तक पहुंचाने का काम किया. महाराष्ट्र के देहू में जन्में संत तुकाराम (Sant Tukaram) का नाम भी देश के प्रमुख आध्यात्मिक संतों में लिया जाता है. संत तुकाराम ने कई तरह के अभंग की रचना की जिन्हें आज भी महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों में गाया जाता है. महाराष्ट्र के संत परंपरा में इन्हें संत शिरोमणि की उपाधि से नवाजा गया है. आइए जानते हैं संत तुकाराम के जीवन के विषय में कुछ खास बातें.

17वीं शताब्दी में जन्में संत कवि तुकाराम (Sant Tukaram Bhajan) ने महाराष्ट्र में भक्ति आंदोलन की नींव डाली थी. साथ ही उन्होंने भगवान विट्ठल अर्थात भगवान विष्णु को समर्पित कई भजनों की रचना की. आगे चलकर संत तुकाराम के अनुयायियों के द्वारा वर्करी संप्रदाय का निर्माण हुआ. इस संप्रदाय का लक्ष्य समाजसेवा और भगवान विट्ठल के अध्यात्म में लीन रहना है. 

संत तुकाराम ने ग्रंथ पाठ से नहीं बल्कि प्रेम और भजन के माध्यम से आध्यात्मिकता की खोज की. उन्होंने कई हजारों की संख्या में अभंग लिखे. इनकी संख्या कितनी है इसका अनुमान लगा पाना मुश्किल है लेकिन एक संकलन में 4607 अभंग संकलित किए गए थे. आज भी महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों में संत तुकाराम के हजारों अभंग लोगों की जुबान पर हैं. 

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प्रधानमंत्री मोदी ने किया संत तुकाराम शिला मंदिर (Sant Tukaram Temple) का उद्घाटन 

आज महाराष्ट्र के पुणे में प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) ने संत तुकाराम के शिला मंदिर उद्घाटन किया. बता दें कि इस शिला मंदिर का निर्माण संत तुकाराम के देहांत के बाद हुआ था किन्तु इसकी बनावट मंदिर के रूप में नहीं थी. अब जाकर इस स्थल को रूप मिला है. मान्यता है कि जिस स्थान पर शिला मंदिर का निर्माण हुआ है वहां संत तुकाराम ने लगातार 9 दिन तपस्या की थी. 

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