डीएनए हिंदी : भारतीय परंपरा में एकादशी को ख़ास स्थान मिलता है. किसी भी पक्ष की ग्यारहवीं तिथि एकादशी के तौर पर मनाई जाती है. इस मुताबिक़ एक महीने में दो एकादशी तिथियां होती है. वे क्रमशः शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में पड़ती हैं. एकादशी मूलतः भगवान् विष्णु की पूजा के लिए होता है.
क्या है मोहिनी एकादशी की व्रत कथा और महत्व
मान्यताओं के अनुसार मोहिनी एकादशी भगवान् विष्णु के मोहिनी रूप की तारीफ़ है. कहा जाता है कि भगवान् विष्णु ने समुद्र मंथन के वक़्त मोहिनी रूप धारण करके के असुरों को भरमाया था ताकि अमृत कलश देवताओं के हाथ में रहे.
कब होती है मोहिनी एकादशी की पूजा
मोहिनी एकादशी(Mohini Ekadashi ) वैशाख की शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह अप्रैल और मई के महीने में आता है. इस बार मोहिनी एकादशी व्रत 12 मई, गुरूवार को रखा जाएगा. यह दिन मोहिनी एकादशी के नाम से इसलिए जाना जाता है क्योंकि इस दिन विष्णु भगवान के मोहिनी स्वरूप की पूजा की जाती है. विधि-विधान से पूजा करने से सभी दुख कष्ट दूर हो जाते हैं. मान्यता अनुसार इस दिन व्रत कथा पाठ करने से पुण्य मिलता है. आइए जानते हैं मोहिनी एकादशी 2022 की शुभ मुहूर्त और पूजा विधि.
मोहिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त
हिन्दू पंचांग के अनुसार मोहिनी एकादशी(Mohini Ekadashi) तिथि की शुरुआत 11 मई बुधवार शाम 7:31 बजे होगी और इसका समापन 12 मई गुरुवार को शाम 6:51 पर होगा. मोहिनी एकादशी का व्रत 12 मई को रखा जाएगा.
क्यों रखना चाहिए मोहिनी एकादशी का व्रत
धारणाओं के अनुसार मोहिनी एकादशी का व्रत रखने से पाप से मुक्ति मिलती है, साथ ही भगवान् विष्णु का विशेष आशीर्वाद भी मिलता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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