डीएनए हिंदी : महात्मा बुद्ध ने अहिंसा को सर्वश्रेष्ठ धर्म मानते हुए, जीवन में सदाचार और सच्चाई को विशेष स्थान दिया था. उनका जन्म 563 ई पूर्व कपिलवस्तु ज़िले के लुम्बिनी गांव में हुआ था. उनके पिता का नाम शुद्धोधन और मां का नाम महामाया था. वे शाक्य वंश के क्षत्रिय थे. उनके बचपन का नाम सिद्धार्थ था. सुखद सांसारिक जीवन के लिए महात्मा बुद्ध (Mahatma Buddha) ने कुछ ज़रूरी बातें बताई हैं और उपदेश दिए हैं. इस बुद्ध पूर्णिमा जानिए उनके बताए मार्ग कौन-कौन से हैं?
बुद्ध के बताए दस शील
बुद्ध (Mahatma Buddha) ने सच्ची और सही जीवनशैली के लिए दस शील सिद्धांत बताए हैं. वे सिद्धांत क्रमशः अहिंसा, सत्य, अस्तेय (चोरी न करना), अपरिग्रह(किसी प्रकार की संपत्ति न रखना), मद्य सेवन न करना, असमय भोजन न करना, सुखप्रद बिस्तर पर नहीं सोना, धन संचय न करना, स्त्रियो से दूर रहना, नृत्य गान आदि से दूर रहना.
बुद्ध के आष्टांगिक मार्ग
बुद्ध ने ज्ञान-प्राप्ति के रास्ते के लिए आठ सूत्रों का एक मार्ग बताया है. इसे बुद्ध का आष्टांगिक मार्ग (8 Fold Path of Buddha) कहा जाता है. यह मार्ग क्रमशः सम्यक दृष्टि, सम्यक संकल्प, सम्यक वाणी, सम्यक कर्मांत, सम्यक आजीविका, सम्यक आजीविका, सम्यक व्यायाम, सम्यक स्मृति और सम्यक समाधि हैं. सम्यक दृष्टि चार आर्य सत्रों अहिंसा, ईमानदारी, सदाचार, और सत्य को मानने की बात करती है. वहीं सम्यक संकल्प राग-द्वेष से दूरी, करुणा और मैत्री की बात करता है. सम्यक वाणी मीठा और सच बोलने की दृष्टि है. सदाचार सम्यक कर्मांत के अंतर्गत आता है. मेहनत से आजीविका की बाद बुद्ध ने सम्यक आजीविका में की है.
सम्यक व्यायाम की बात भी करते हैं गौतम बुद्ध
महात्मा बुद्ध के आठ मार्गों (8 Fold Path of Buddha) में छठा मार्ग सम्यक व्यायाम का है. इस व्यायाम का अर्थ अच्छी चीज़ों के बारे में सोचना और उन्हें पूरा करना है. गलत विचारों से दूर रहना है. सम्यक स्मृति एकाग्र साधना की बात है, वहीं स्वयं को जानने की इच्छा के लिए विपश्यना की बात भी इसमें बताई गई है. आठवां मार्ग सम्यक समाधि निर्वाण की बात करता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
गूगल पर हमारे पेज को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें. हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें.