डीएनए हिंदी: चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि और दूसरी कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की चैदस के दिन पवनपुत्र हनुमान जी(Hanuman Jayanti 2022) का जन्म हुआ था. पञ्चाङ्ग के अनुसार इस वर्ष भगवान शिव(Lord Shiva) के ग्यारहवें रुद्र अवतार का जन्मदिवस 16 अप्रैल 2022 को मनाया जाएगा. मान्यताओं पर ध्यान दें तो हनुमान जयंती को साल में दो बार मनाया जाता हैं, एक जन्मदिवस के रूप में तो दूसरा विजय दिवस के रूप में. जानिए हनुमान जयंती पर कैसे करें बजरंगबली(Hanuman Ji) कि पूजा.
मारुतिनंदन को शक्ति, ज्ञान, वीरता, बुद्धिमानी और निस्वार्थ सेवा भाव का प्रतीक माना जाता है. वह इसलिए क्योंकि इन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन प्रभु श्री राम और माता जानकी की सेवा में समर्पित कर दिया. शास्त्रों में यह वर्णित है कि इनकी आराधना से सभी प्रकार के कष्ट और नकारात्मक प्रभाव क निवारण होता है और भय से मुक्ति मिलती है.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार आज भी बजरंगबली साक्षात रूप में धरती पर वास करते हैं. प्रभु श्री राम के आशीर्वाद से हनुमान जी भक्तों की सदैव रक्षा करते हैं, साथ ही कुंडली में स्थापित नकारात्मक ग्रहों से निवारण पाने का आशीर्वाद देते हैं. इनकी भक्ति करने के लिए कोई दिन निर्धारित नहीं है, किन्तु कुछ खास तिथियों पर शुद्ध मन से हुई आराधना से ये अत्यंत प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं.
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पूजा विधि(Hanuman Jayanti Puja Vidhi):-
प्रातः स्नान करने के उपरांत लाल रंग का वस्त्र अवश्य पहनें. इसके बाद एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं और इसे पूर्व दिशा में रखें. राम-सीता व हनुमान जी की प्रतिमा या फोटो लें और उसे लाल गुलाब के बने आसन रखें . धूप-दीप प्रज्वलित करें और लाल रंग का गुलाब, चमेली या मोगरे की सुंगधित माला अवश्य अर्पित करें. दाएं हाथ की अनामिका ऊँगली से बजरंगबली की प्रतिमा को सिन्दूर लगाएं फिर दो दीपक प्रज्वलित करें. एक दीये में सरसों का तेल डालें और एक में शुद्ध घी डालें. इसके उपरांत हनुमान चालीसा और बजरंग बयान कि पाठ अवश्य करें. पाठ समाप्त होने के बाद फल और मिठाई का भोग लगाए.
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पूजन के लिए शुभ मुहूर्त (Hanuman Jayanti Shubh Muhurat):-
दोपहर 12: 15 से 01: 30 बजे तक अभिजीत मुहूर्त
दोपहर 02: 30 से 03: 30 बजे तक लाभ-अमृत का चैघडिया रहेगा
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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