डीएनए हिंदी: देशभर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami 2022) की धूम देखने को मिल रही है. 18 अगस्त को भगवान श्री कृष्ण का जन्म उत्सव मनाया जाएगा. ऐसे में इस दिन हम भगवान श्री कृष्ण के जीवन से ही कुछ ऐसी बातें सीख सकते हैं जिन से माता-पिता अपने लाडले को कहना और अपनी परी को राधा रानी की तरह बना सकते हैं. भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी के बिना सभी श्री कृष्ण की लीलाएं अधूरी हैं. आइए जानते हैं भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी (Lord Krishna and Radha Rani) के कुछ खास गुण जो माता-पिता अपने बच्चों में डाल सकते हैं.
भगवान श्री कृष्ण के 3 गुण जो बनाते हैं उन्हें खास (Teaching of Shri Krishna)
-
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने 64 दिनों में 64 कलाओं का ज्ञान प्राप्त किया था. ऐसे में माता-पिता को भी यह ध्यान रखना चाहिए कि केवल पढ़ाई-लिखाई से नहीं बल्कि अन्य कलाओं से भी बच्चों का भविष्य उज्जवल होता है. संगीत, नृत्य, चित्रकला इन सभी का गुण होना जरूरी है.
-
शास्त्रों में भगवान श्री कृष्ण (Shri Krishna) को शांत मन और स्थिर दिमाग वाला कहा गया है. कई बार उनको महाभारत के रण में अपमान सहना पड़ा था. लेकिन उन्होंने हर समय अपना दिमाग स्थिर रखा और मन शांत रखकर ही सभी निर्णय लिए. यही गुण बच्चों के अंदर भी होना चाहिए. इससे वह अपने भविष्य के लिए उत्तम निर्णय ले सकते हैं.
Krishna Janmashtami 2022: स्मार्त और वैष्णव जन्माष्टमी होते हैं अलग-अलग, इस वजह से 2 दिन मनाया जाता है यह पर्व
राधा रानी की विशेषताएं (Radha Rani)
अगर हम भगवान श्री कृष्ण का नाम जपते हैं तो राधा रानी का भी नाम उनके साथ स्मरण किया जाता है. वह इसलिए क्योंकि राधा रानी ही भगवान श्री कृष्ण के प्रेम की शक्ति हैं. बता दें कि राधा रानी को दूधियों यानी ब्रिज की गोपियों का प्रमुख माना जाता था. ऐसा शास्त्रों में भी वर्णन किया गया है, साथ ही उन्हें निस्वार्थ प्रेम और सेवा का प्रतीक भी माना जाता है. बच्चों के अंदर ऐसा ही प्रेम और विश्वास होना चाहिए. उनमें नेतृत्व करने की भावना भी होनी चाहिए. जिस तरह राधा रानी भगवान श्री कृष्ण की मुख्य शक्ति थीं उसी तरह बच्चों को भी ज्ञान को अपनी शक्ति बना लेनी चाहिए. ऐसा करके वह किसी भी कार्य को सफलतापूर्वक पूरा कर सकते हैं.
Krishna Janmashtami 2022 : घर में बांसुरी रखने से क्या होता है व्यक्ति को लाभ, जानें
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.