डीएनए हिंदी: Krishna Janmashtami 2022- देशभर में 18 और 19 अगस्त को श्री कृष्ण जन्माष्टमी हर्षोल्लास के साथ मनाई जाएगी. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद मास के अष्टमी तिथि को भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था. हिंदू धर्म में इस पर्व का अत्यधिक महत्व है. माना जाता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की विशेष पूजा करने से और उनके प्रिय चीजों का भोग लगाने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. उनके जीवन में सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है. शास्त्रों में यह भी वर्णित है कि भगवान श्री कृष्ण को पंचामृत का भोग (Panchamrit Bhog) लगाना चाहिए. यह भी बताया गया है कि ऐसा न करने से पूजा अधूरी रह जाती है. आइए जानते हैं पंचामृत बनाने में किन चीजों का किया जाता है.
पंचामृत में इस्तेमाल होती है यह चीजें (Krishna Janmashtami 2022 Panchamrit)
पंचामृत शब्द का जब हम संधि-विच्छेद करते हैं तो इसका अर्थ है पंच यानी पांच और अमृत. यही कारण है कि पंचामृत बनाने में पांच प्रकार के चीजों का इस्तेमाल किया जाता है. जो अमृत के रूप में कार्य करते हैं पंचामृत बनाने में दूध, दही, शक्कर, घी और शहद का प्रयोग किया जाता है. किसी भी धार्मिक अनुष्ठान में पंचामृत का होना अनिवार्य है. यह पंचामृत भगवान को अर्पित किया जाता है. फिर प्रसाद के रूप में भक्तों में बांटा जाता है. पंचामृत दूध व दही पवित्र और शुद्धता का प्रतीक है. इसके साथ शक्कर मिठास लाता है घी से शक्ति प्राप्त होती है और शहद से एकाग्रता मिलती है.
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श्री कृष्ण को भी प्रिय है यह पेय (Panchamrit Importance)
जब कभी भी भगवान श्री कृष्ण की बात की जाती है उनके साथ गाय, बांसुरी, मोर पंख, माखन आदि की चर्चा अवश्य की जाती है. वह इसलिए क्योंकि यह सभी चीजें उन्हें अत्यंत प्रिय है. लेकिन इसके साथ उन्हें पंचामृत भी बेहद पसंद है. यही कारण है जन्माष्टमी के मंदिरों में और घरों में होने वाले अनुष्ठान का इस्तेमाल किया जाता है और ऐसा करना अनिवार्य है.
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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