Nirjala Ekadashi 2022: 24 एकादशी व्रतों के बराबर होता है यह एक व्रत, जानें तिथि और महत्व

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jun 07, 2022, 05:33 PM IST

निर्जला एकादशी व्रत

Nirjala Ekadashi 2022: इस व्रत के दौरान भक्त पूरा एक दिन बिना अन्न-जल ग्रहण किए तपस्या करते हैं और विधिवत पूजा-पाठ करते हैं.

डीएनए हिंदी: हिन्दू धर्म में निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi 2022) व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित किया गया है. ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन इस व्रत को रखा जाता है, यही कारण है कि इसका नाम निर्जला एकादशी रखा गया है.  मान्यता है कि इस व्रत के दौरान भक्त पूरा एक दिन बिना अन्न-जल ग्रहण किए तपस्या करते हैं और विधिवत पूजा-पाठ करते हैं. ऐसा करने से भगवान श्रीहरि प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं. 

Nirjala Ekadashi 2022 शुभ समय

साल 2022 में निर्जला एकादशी व्रत 10 जून को रखा जाएगा और इसका पारण 11 जून के दिन होगा. हिन्दू पंचांग के अनुसार एकादशी तिथि 10 जून को सुबह 05:45 पर आरंभ होगी. 

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निर्जला एकादशी व्रत का महत्व 

इस व्रत के इतिहास की बात करें तो इसका वर्णन महाभारत में भी मिलता है. कथा के अनुसार महाबली भीम अपनी भूख पर नियंत्रण नहीं रख पाते थे. इसी वजह से उन्होंने हर एकादशी व्रत ना रखकर निर्जला एकादशी व्रत का पालन किया. इसलिए निर्जला एकादशी व्रत को भीमसेनी एकादशी अथवा पांडव एकादशी भी कहा जाता है. मान्यता यह भी है कि एक निर्जला एकादशी व्रत रखने से सभी 24 एकादशी व्रतों का फल प्राप्त होता है. 

Nirjala Ekadashi  व्रत का महत्व

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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