Rambha Trititya Vrat 2022: स्वर्ग की वह सुंदर अप्सरा जिनके नाम पर किया जाता है रंंभा तृतीया व्रत

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jun 02, 2022, 11:47 AM IST

अप्सरा रंभा

Rambha Tritiya Vrat 2022 के दिन विधिवत पूजा-अर्चना करने से भगवान शिव, माता पार्वती और मां लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं.

डीएनए हिंदी: हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण माना जाने वाला व्रत रंभा तृतीया व्रत 2022 (Rambha Tritiya Vrat 2022) रखा जाता है. यह व्रत उन अविवाहित महिलाओं के लिए खास है जो अपने लिए मनचाहा पति तलाश रही हैं. इस दिन विधिवत पूजा-अर्चना करने से भगवान शिव, माता पार्वती और मां लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं. इस दिन विवाहित महिलाएं अपने घर-परिवार की खुशी के लिए यह व्रत रखती हैं. रंभा तृतीया 'रंभा तीज' के नाम से भी प्रचलित है. इस दिन महिलाएं सोलह शृंगार कर व्रत का संकल्प लेती हैं. आइए जानते हैं किस दिन रखा जाएगा ये व्रत और कैसे करें भगवान की पूजा. 

मान्यता यह है कि इस तिथि (Rambha Tritiya Vrat 2022) के दिन स्वर्ग की अप्सरा रंभा देवी ने सौभाग्य और खुशी की प्राप्ति के लिए व्रत को किया था. माना जाता है कि तीनों लोकों में अप्सरा रंभा अपने सौन्दर्य के लिए प्रख्यात थी. पौराणिक कथा के अनुसार वह समुद्र मंथन के दौरान उत्पन्न हुई थीं. बता दें कि वेद-पुराणों में वर्णित है कि समुद्र मंथन के दौरान कुल 14 रत्न निकले थे जिनमें से एक रंभा देवी भी थीं. 

कहा यह भी जाता है अप्सरा रंभा को इंद्रदेव ने ऋषि विश्वामित्र की तपस्या भंग के लिए धरती लोक पर भेजा था. जिससे क्रोधित होकर ऋषि ने हजार सालों तक पत्थर के रूप में रहने का उन्हें श्राप दिया था. हालांकि बाद में अप्सरा मेनका ने विश्वामित्र के तप को भंग कर दिया था. 

Rambha Tritiya 2022: जानिए कब है रंभा तृतीया व्रत, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

रंभा देवी ने दिया था लंकापति रावण को श्राप

किवदंतियों में यह भी बताया गया है कि अप्सरा रंभा का विवाह कुबेर के पुत्र नलकुबेर से हुआ था. जब रावण की नजर रंभा के सौन्दर्य पर पड़ी तब वह खुदको रोक ना सका और उन्हें हासिल करने के लिए जबरदस्ती करने लगा. जबकि रंभा रावण की रिश्ते में बहू लगती थीं. 

इस जबरदस्ती से आहत होकर रंभा देवी ने रावण को यह श्राप दिया कि वह बिना किसी स्त्री की इच्छा से उन्हें छूएगा तो वह भस्म हो जाएगा. माना जाता है कि यही कारण है कि माता सीता का हरण करते समय रावण ने इसी श्राप के डर से उन्हें हाथ तक नहीं लगाया था.  

Temple Etiquette : मंदिर में घंटी बजाने से होंगे ये फायदा, इसके पीछे है वैज्ञानिक और धार्मिक महत्व

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Rambha Teej Rambha Tritiya Vrat 2022 Apsara Rambha धर्म