Mata Laxmi Shri Suktam Path: लक्ष्मी माता को करना है ख़ुश तो शाम में ज़रूर करें इस श्री सूक्त का पाठ

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 15, 2022, 04:17 PM IST

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Mata Laxmi Shri Suktam Path: शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी को समर्पित है इसलिए इस दिन विधिवत पूजा करने से दुख, दर्द दूर हो जाते हैं.

डीएनए हिंदी: Mata Laxmi Shri Suktam Path- हिन्दू धर्म में माता लक्ष्मी धन की देवी मानी जाती हैं. इनके आशीर्वाद से सभी प्रकार के दुख, आर्थिक समस्याएं और कष्ट दूर हो जाते हैं. शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी को समर्पित है इसलिए इस दिन विधिवत पूजा करने से और कुछ मंत्रों के जाप से व्यक्ति को कई प्रकार के लाभ मिलते हैं. इस दिन श्री सूक्त पाठ करने से दुर्भाग्य दूर हो जाता है और माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है.

श्री सूक्त पाठ (Mata Laxmi Shri Suktam Path)

ओम हिरण्यवर्णां हरिणीं, सुवर्ण-रजत-स्त्रजाम्,

चन्द्रां हिरण्यमयीं लक्ष्मीं, जातवेदो म आवह।।

तां म आवह जात वेदो, लक्ष्मीमनप-गामिनीम्,

यस्यां हिरण्यं विन्देयं, गामश्वं पुरूषानहम्।।

अश्वपूर्वां रथ-मध्यां, हस्ति-नाद-प्रमोदिनीम्,

श्रियं देवीमुपह्वये, श्रीर्मा देवी जुषताम्।।

कांसोऽस्मि तां हिरण्य-प्राकारामार्द्रा ज्वलन्तीं तृप्तां तर्पयन्तीं,

पद्मे स्थितां पद्म-वर्णां तामिहोपह्वये श्रियम्।।

चन्द्रां प्रभासां यशसा ज्वलन्तीं श्रियं लोके देव-जुष्टामुदाराम्,

तां पद्म-नेमिं शरणमहं प्रपद्ये अलक्ष्मीर्मे नश्यतां त्वां वृणोमि।।

आदित्य वर्णे तपसोऽधिजातो वनस्पतिस्तव वृक्षोऽक्ष बिल्वः,

तस्य फलानि तपसा नुदन्तु मायान्तरायाश्च बाह्या अलक्ष्मीः।।

उपैतु मां दैव सखः, कीर्तिश्च मणिना सह,

प्रादुर्भूतोऽस्मि राष्ट्रेऽस्मिन्, कीर्तिं वृद्धिं ददातु मे।।

क्षुत्-पिपासाऽमला ज्येष्ठा, अलक्ष्मीर्नाशयाम्यहम्,

अभूतिमसमृद्धिं च, सर्वान् निर्णुद मे गृहात्।।

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गन्ध-द्वारां दुराधर्षां, नित्य-पुष्टां करीषिणीम्,

ईश्वरीं सर्व-भूतानां, तामिहोपह्वये श्रियम्।।

मनसः काममाकूतिं, वाचः सत्यमशीमहि,

पशूनां रूपमन्नस्य, मयि श्रीः श्रयतां यशः।।

कर्दमेन प्रजा-भूता, मयि सम्भ्रम-कर्दम,

श्रियं वासय मे कुले, मातरं पद्म-मालिनीम।।

आपः सृजन्तु स्निग्धानि, चिक्लीत वस मे गृहे,

निच देवी मातरं श्रियं वासय मे कुले।।

आर्द्रां पुष्करिणीं पुष्टिं, सुवर्णां हेम-मालिनीम्,

सूर्यां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो ममावह।।

आर्द्रां यः करिणीं यष्टिं, पिंगलां पद्म-मालिनीम्,

चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो ममावह।।

तां म आवह जात-वेदो लक्ष्मीमनप-गामिनीम्,

यस्यां हिरण्यं प्रभूतं गावो दास्योऽश्वान् विन्देयं पुरूषानहम्।।

यः शुचिः प्रयतो भूत्वा, जुहुयादाज्यमन्वहम्,

श्रियः पंच-दशर्चं च, श्री-कामः सततं जपेत्।।

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श्री सूक्त पाठ के लाभ (Mata Laxmi Shri Suktam Path Benefits)

माना जाता है कि श्री सूक्त पाठ करने से व्यक्ति को आरोग्य रहने का वरदान प्राप्त होता है. ऐसा करने से दुर्भाग्य भी सौभाग्य में परिवर्तित हो जाता है और घर में समृद्धि आती है. श्री सूक्त पाठ करने से परिवार में कभी भी गरीबी नहीं आती है और व्यापार में भी तरक्की के कई अवसर प्राप्त होते हैं. प्रत्येक माह अमावस्या और पूर्णिमा को यह पाठ करने से मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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