डीएनए हिंदी: Sawan 2022 Shiv Mandir- भारत को अध्यात्म का केंद्र माना जाता है. यहां लाखों की संख्या में ऐसे मठ-मंदिर मौजूद जो भक्तों को अचंभित कर देते हैं. ऐसा ही एक मंदिर गुजरात के वडोदरा में स्थित है जो देखते ही देखते लुप्त हो जाती है. यह मंदिर दुनियाभर में अपने इसी खूबी के लिए दुनियाभर में विख्यात है. इस अनोखे मंदिर का नाम स्तंभेश्वर मंदिर (Stambheshwar Mahadev Temple). पौराणिक किवदंतियों के अनुसार इस मंदिर (Famous Shiva Temple) की स्थापना महादेव के पुत्र भगवान कार्तिकेय ने किया था. माना जाता है कि यहां भगवान शिव के दर्शन से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.
समुद्र में समा जाता है स्तंभेश्वर मंदिर (Stambheshwar Mahadev Temple Story)
स्तंभेश्वर मंदिर अपने चमत्कार के लिए नहीं बल्कि अनोखे प्राकृतिक घटना के लिए विश्व में विख्यात है. बता दें कि यह मंदिर दिन में कम से कम दो बार समुद्र में डूब जाता है. समुद्र का जल स्तर अचानक बढ़ने के कारण ऐसा होता हो. फिर कुछ ही समय में पानी का स्तर कम भी हो जाता है. दूर-दूर से शिव भक्त इस अनोखी घटना को देखने के लिए आते हैं.
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स्कंद पुराण में मिलता है विवरण
इस मंदिर के पौराणिकता की बात करें तो इस मंदिर को 150 वर्ष पूर्व खोजा गया था. लेकिन इसका विवरण स्कंद पुराण में भी मिलता है. किवदंतियों के अनुसार ताड़कासुर नाम के असुर ने कठोर तपस्या के बाद शिव जी से यह आशीर्वाद प्राप्त किया कि उसे केवल 6 दिन आयु का बच्चा ही मार सके. इस वरदान को प्राप्त करते ही ताड़कासुर ने सृष्टि में उत्पात मचाना शुरू कर दिया. इस उत्पात से बचाने के लिए मात्र छह दिन के कार्तिकेय भगवान ने ताड़कासुर का वध करके सृष्टि को उसके प्रकोप से बचा लिया. शिव भक्त होने के कारण उसकी मौत से महादेव दुखी हो गए. तब भगवान विष्णु ने कार्तिकेय को सुझाव दिया कि वह उस स्थान पर शिव जी का मंदिर स्थापित कर दें. तब उस स्थान पर भगवान कार्तिकेय ने मंदिर कराया और सभी देवताओं ने मिलकर विश्वनंदक स्तंभ की स्थापना की. तब से इस स्थान को स्तंभेश्वर मंदिर (Stambheshwar Mahadev Temple) के नाम से जाना गया.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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