डीएनए हिंदी: सावन का अंतिम सोमवार पर भगवान शिव की पूजा और कुछ उपाय जरूर करना चाहिए. इस दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक कर रुद्राभिषेक घर में कराने से कई असाध्य मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं.
सावन के अंतिम सोमवार का विशेष महत्व होता है और इस दिन महादेव के कुछ खास बीज मंत्रों का जाप भी करना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार सावन मास भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है. यही कारण है कि इस मास में कुछ उपायों को अपनाने से धन, समृद्धि और वैभव में बढ़ोतरी होती है. आइए जानते हैं सावन के अंतिम सोमवार के दिन क्या करना चाहिए.
श्रावण मास के अंतिम सोमवार के दिन उपवास रखने का विधान शिव पुराण में भी वर्णित है. माना जाता है कि इस दिन उपवास रखने से मन शांत होता है और कठिन निर्णय लेने में आसानी होती है. साथ ही जो ग्रह व्यक्ति की कुंडली में अशुभ प्रभाव डाल रहे हैं वह भी दूर हो जाते हैं और भगवान शिव इससे प्रसन्न होते हैं.
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श्रावण मास में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से भक्तों को अत्यंत लाभ मिलता है. माना जाता है कि इस मंत्र के जाप से व्यक्ति को आरोग्य की प्राप्ति होती है और कई गंभीर बीमारियों से लड़ने की शक्ति प्राप्त होती है.
ॐ हौं जूं स: ॐ भूर्भुव: स्व: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्व: भुव: भू: ॐ स: जूं हौं ॐ ।।
सावन मास के सोमवार के दिन भगवान शिव को जल अर्पित करने का नियम शास्त्रों में भी निर्धारित किया गया है. माना जाता है कि सावन मास में हर रोज दूध, गंगाजल और गन्ने का रस चढ़ाने से भोलेनाथ अत्यंत प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. शिव पुराण में यह भी बताया गया है कि हर रोज जल में काला तिल डालकर भगवान शिव का अभिषेक करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है. इसके साथ अटके हुए काम भी पूरे हो जाते हैं और पराक्रम व साहस में वृद्धि होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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