डीएनए हिंदी: Vedic Mantra- हिन्दू धर्म में शास्त्र जीवन का हिस्सा हैं. उनमें बताए गए पूजा-पद्धतियों को और विभिन्न मंत्रों को सुखी जीवन के लिए बहुत उपयोगी माना गया है. माता-पिता, दोस्त, शिक्षा इत्यादि विभिन्न विषयों पर ऋषि-मुनियों ने कई ऐसे मंत्रों की रचना की जिनका उपयोग आज भी एक बड़े वर्ग के द्वारा किया जा रहा है. आइए जानते हैं छात्र व व्यक्ति को सुखी जीवन के लिए किन मंत्रों (Shastra Updesh) को ध्यान में रखना चाहिए.
अलसस्य कुतो विद्या अविद्यस्य कुतो धनम् ।
अधनस्य कुतो मित्रममित्रस्य कुतः सुखम्॥
इस मंत्र में बताया गया है कि आलसी व्यक्ति को विद्या कहां, विद्या से हीन व्यक्ति को धन कहां? धन के बिना मित्र कहां और मित्र के बिना सुख क्या?
विद्या ददाति विनयं विनयाद् याति पात्रताम्।
पात्रत्वाद्धनमाप्नोति धनाद्धर्मं ततः सुखम्॥
शास्त्रों में बताए गए इस मंत्र (Vedic Mantras for Good life) का भावार्थ है कि विद्या से व्यक्ति में विनम्रता आती है, विनम्रता से सजनता आती है. सजनता से धन की प्राप्ति होती है और जहां धर्म और धन होता है वहां सुख होता है.
इस श्लोक का भावार्थ है कि विद्या माता की तरह रक्षा का पिता के भांति आपका हित सोचता है. पत्नी की भांति ख्याल रखती है और चारों दिशाओं में आपकी कीर्ति का विस्तार करती है.
क्षणशः कणशश्चैव विद्यामर्थं च साधयेत्।
क्षणे नष्टे कुतो विद्या कणे नष्टे कुतो धनम्॥
व्यक्ति को बिना क्षण व्यर्थ की विद्या (Mantra for Students) पानी चाहिए. साथ ही उसे कण-कण बचाकर धन ईकट्ठा करना चाहिए. समय या क्षण को व्यर्थ करने वाले व्यक्ति को विद्या नहीं प्राप्त होती, और छोटे-छोटे कणों को बेकार समझने वालों को धन कहां.
Shiva Tandava Stotram: सावन में बरसेगी भगवान शिव की कृपा, शिव तांडव स्तोत्र का ऐसे करें पाठ
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.