डीएनए हिंदी : ज्योतिष गुरु आचार्य डॉक्टर विक्रमादित्य के अनुसार चांदी एक ऐसी धातु है जिसका काफ़ी जिक्र आयुर्वेद के ग्रंथों में मिलता है. यह एक ऐसी धातु है जिसके उपयोग से तन और मन दोनों को स्वस्थ्य रखा जा सकता है. आइए जानते हैं कि कैसे चांदी रखती है हमारे भाग्य, स्वास्थ्य और मन का ख़याल?
चांदी के बर्तन में पानी पीने से मिलती है लम्बी उम्र
माना जाता है कि चांदी से बने बर्तन(silver utensils) में नियमित पानी पीने से शारीरिक के साथ साथ मानसिक तंदुरुस्ती भी प्राप्त होती है. इतना ही नहीं चांदी मनुष्य की प्रतिरक्षा तंत्र(immunity system ) को मजबूत कर लंबी आयु प्रदान करती है.
शुुक्र और चंद्र ग्रह दोषों के निवारण में उपयोगी है चांदी
स्वास्थ्य के साथ चांदी के फायदे भाग्यफल में भी मिलते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चांदी धातु का संबंध चंद्र और शुक्र, दोनों ग्रहों से है. चंद्र ग्रह मन का कारक ग्रह है और शुक्र ग्रह ऐश्वर्या और धन का कारक ग्रह है. यह महिलाओं के लिए विशेष उपयोगी है क्योंकि महिला जातक की कुंडली में चंद्र, शुक्र और बृहस्पति तीनों ही ग्रहों की बहुत उपयोगिता है. यह एक ऐसी धातु है जिसके उपयोग से सौभाग्य में वृद्धि आती है. इसी कारण से महिलाएं चांदी की पायल और बिछिया पहनती हैं ताकि उनके जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहे.
चांदी पैरों में पहनने से ठीक रहता है स्वास्थ्य
यह मान्यता भी है कि चांदी को लगातार पैरों में धारण करने से दैहिक स्वास्थ्य उत्तम रहता है. इसी वजह से स्त्रियों के लिए पायल और बिछिया सरीखे चांदी के गहनों(Silver Jewellery) को पहनना ज़रूरी माना जाता था. हालांकि इस तथ्य का कोई वैज्ञानिक सन्दर्भ नहीं उपलब्ध है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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