डीएनए हिंदी: हिन्दू धर्म में भगवान गणेश (Varad Vinayak Chaturthi Vrat 2022) को श्रेष्ठ स्थान प्राप्त है. यही कारण है कि किसी भी मांगलिक कार्य करने से पहले उनकी वंदना जरूर की जाती है. चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होता है. बता दें कि महीने में दो बार चतुर्थी तिथि पड़ती है. एक शुक्ल पक्ष की और दूसरी कृष्ण पक्ष की. शास्त्रों में शुक्ल पक्ष के दिन पड़ने वाली चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी का नाम दिया गया है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सभी दुख, पीड़ा और समस्याएं दूर हो जाते हैं. आइए जानते हैं किस दिन रखा जाएगा वरद विनायक चतुर्थी व्रत 2022.
आषाढ़ माह शुरू हो चुका है तो आषाढ़ शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को वरद विनायक चतुर्थी 2022 व्रत रखा जाएगा. पंचाग के अनुसार चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 2 जुलाई शाम 03:17 बजे होगा और इसका समापन 3 जुलाई शाम को 05:07 पर होगा. व्रत तिथि 03 जुलाई प्रातः काल से है.
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मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की विधिवत पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है. इस दिन गणेश जी की प्रतिमा को लाल आसन पर स्थापित करें और फिर उन्हें सिंदूर लगाएं. गणपति जी को सिंदूर से बहुत लगाव है.
फिर उन्हे लाल फूल, अक्षत, माला, दूर्वा अर्पित कर भगवान गणेश जी के मंत्रों का जाप करें. फिर इन्हें मोदक का भोग लगाएं. व्रत के दिन जरूरतमंदों को दान करने से भगवान गणेश अत्यधिक प्रसन्न होते हैं और लोगों में आत्मविश्वास की वृद्धि होती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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