Vat Purnima Vrat 2022: वट सावित्री व्रत से मिलता है अखंड सौभाग्य, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jun 12, 2022, 01:32 PM IST

वट पूर्णिमा व्रत 2022

भारत में वट पूर्णिमा व्रत का बहुत महत्व है, मान्यता है कि वट वृक्ष में त्रिदेव वास करते हैं, उनकी पूजा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

डीएनए हिंदी: दक्षिण भारत में वट पूर्णिमा व्रत (Vat Purnima Vrat 2022) का बहुत महत्व है. इस साल दक्षिण भारत का यह खास व्रत 14 जून 2022 को मंगलवार के दिन मनाया जाएगा. उत्तर भारत में इस व्रत को वट सावित्री व्रत के रूप में जाना जाता है. वट पूर्णिमा व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति और परिवार के कल्याण के लिए वट वृक्ष की पूजा करती हैं. मान्यता के अनुसार वट वृक्ष में त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु, महेश वास करते हैं. 

माना यह भी जाता है कि सुबह से लेकर शाम तक माता लक्ष्मी भी वृक्ष में वास करती हैं. यही कारण है कि इस दिन (Vat Purnima Vrat 2022) वट वृक्ष की पूजा करने से धन-संपदा से जुड़ी परेशानी भी खत्म हो जाती है. 

वट पूर्णिमा 2022 शुभ मुहूर्त (Vat Purnima Vrat 2022 Shubh Muhurat)

पूर्णिमा की तिथि आरंभ 13 जून दोपहर 1:42 बजे और इस तिथि का समापन 14 जून को सुबह 9:40 तक होगा.
शुभ योग 14 जून सुबह 9:40 मिनट से 15 जून सुबह 5:28 तक
पूजा करने का शुभ मुहूर्त 14 जून संध्या काल तक.
शुभ योग: साध्य योग

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वट पूर्णिमा पूजा विधि (Vat Purnima Vrat 2022 Puja Vidhi)

इस दिन सुहागिन महिलाएं प्रातः स्नान-ध्यान करके पूजा सामग्री के साथ वट वृक्ष पर एकत्रित होती हैं. इसके बाद वे वृक्ष के चारों तरफ सूत लपेटती हैं और जल, हल्दी, रोली, कुमकुम अर्पित करती हैं. फिर वे विधिवत पूजा करके पति और परिवार के कल्याण की प्रार्थना करती हैं. साथ ही सावित्री एवं सत्यवान की कथा का पाठ करती हैं. अंत में आरती करके पूजा को सम्पन्न करती हैं.  

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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