डीएनए हिंदी: इस वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल को लगने जा रहा है. यह सूर्य ग्रहण इसलिए भी ख़ास है क्योंकि इस दिन शनि अमावस्या है. भारत में यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में नजर आएगा और इस खगोलीय घटना की समय अवधि मध्य-रात्री 12 बजकर 15 मिनट से अगली सुबह 04 बजकर 07 मिनट तक है. सूर्य ग्रहण में दिलचस्पी रखने वालों को बता दें कि इसे आप अंटार्कटिका, दक्षिण और पश्चिम अमेरिका, प्रशांत महासागर और अटलांटिक में देख सकते हैं. आंशिक सूर्य ग्रहण होने कारण सूतक काल नहीं होगा. फिर भी आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना होगा.
धार्मिक मान्यता अनुसार सूर्य ग्रहण के समय देवताओं पर संकट आता है, इसलिए ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ कार्य करने से बचें.
ग्रहण के दौरान देवी-देवताओं की मूर्तियों को या तुलसी के पौधे को छूना वर्जित है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण के समय मंदिरों के कपाट बंद रखने चाहिए. साथ ही घर में ही भगवान का ध्यान करके भजन करना चाहिए.
सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान अवश्य करें और पूजा घर की साफ-सफाई करें. अब जब यह सूर्य ग्रहण सुबह समाप्त हो रहा है आपको इन सब चीजों में समस्या नहीं होगी.
सूर्य ग्रहण के दिन स्नान के बाद शुद्ध वस्त्र पहनें और ग्रहण समाप्त होने के बाद उसे पुनः न पहनें. इससे आप पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है.
ज्योतिष विद्वानों की मानें तो सूर्य ग्रहण के बाद स्नान करके जरूरतमन्दों को सामर्थ्य अनुसार अन्न दान करें. इससे आपको लाभ होगा.
ग्रहण के बाद भोजन में गंगाजल और तुलसी का पत्ता डाल दें. इससे भोजन शुद्ध हो जाता है और ग्रहण का प्रभाव खत्म हो जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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