Yogini Ekadashi 2022: भगवान विष्णु की कृपा के लिए करें योगिनी एकादशी व्रत कथा का पाठ

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jun 19, 2022, 06:32 PM IST

योगिनी एकादशी व्रत

Yogini Ekadashi Vrat 2022: मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा का विशेष महत्व है.

डीएनए हिंदी: हर साल आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी व्रत (Yogini Ekadashi 2022) रखा जाता है. इस वर्ष यह व्रत 24 जून 2022, शुक्रवार को रखा जाएगा. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा का विशेष महत्व है. भगवान श्री हरि की वंदना करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. साथ ही उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. किन्तु इस व्रत के कुछ नियम भी शास्त्रों में निर्धारित किए गए हैं जिनका पालन करना भी अनिवार्य है. इसके साथ ही भक्त को योगिनी एकादशी व्रत कथा का भी पाठ करना चाहिए. आइए जानते हैं योगिनी एकादशी व्रत (Yogini Ekadashi Vrat) कथा के बारे में. 

योगिनी एकादशी 2022 व्रत कथा (Yogini Ekadashi 2022 Vrat Katha)

कथा के अनुसार, स्वर्ग लोक में अलकापुरी नामक नगरी के राजा का नाम कुबेर था. राजा भगवान शिव का बहुत बड़ा भक्त था. भगवान की पूजा के लिए हेम नाम का माली राजा को फूल लाकर देता था. किन्तु एक दिन वह माली अपनी पत्नी विशालाक्षी के साथ घूमने और बात करने में व्यस्त हो गया और राजा को फूल देने नहीं आया. 

दोपहर तक माली का इंतजार करते-करते राजा क्रोधित हो गया और तब अपने सेवकों को कारण पता लगाने के लिए भेजा. जब राजा को पता चला कि माली अपने पत्नी के साथ बातों में मग्न है तब उसे और अधिक क्रोध आ गया और उसने माली की राजदरबार में लाने का आदेश दिया. जब माली राजा के सामने आया तब राजा ने क्रोधित होकर कहा, 'तूने मेरे पूजनीय भगवान शिव का अनादर किया है, मैं तुझे श्राप देता हूं कि तू मृत्युलोक में जाकर कोढ़ी हो जाएगा.'

Chaturmas 2022: इस तारीख से चार महीने तक नहीं किए जाएंगे कोई भी शुभ काम, जानें पूरी डिटेल

इतना कहते ही माली पृथ्वी लोक पर आ गिरा और उसे कोढ़ ने जकड़ लिया. इसके बाद माली भिखारियों के भांति जीने लगा. उसे अपनी पत्नी की याद सताने लगी लेकिन वह श्राप के वश ने जकड़ा हुआ था. माली घूमते-घूमते मार्कण्डेय ऋषि के आश्रम पहुंचा. ऋषि ने उसकी यह दशा देखकर इसका कारण पूछा. तब माली अपनी व्यथा बताई. 

मार्कण्डेय ऋषि ने पूरी बात सुनी और फिर माली को योगिनी एकादशी व्रत करने का सुझाव दिया. ऋषि के सलाह अनुसार, माली ने आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को यह व्रत आरंभ किया. इस व्रत से खुश होकर भगवान ने हेम माली को श्राप से मुक्त होने का आशीर्वाद दिया. जिसके बाद वह स्वर्गलोक वापस चला गया और अपनी पत्नी के साथ खुशी-खुशी रहने लगा. 

Yogini Ekadashi 2022: भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित एकादशी व्रत के दिन ध्यान रखें ये विशेष बातें

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Yogini Ekadashi Vrat 2022 Yogini Ekadashi Vrat Katha Dharma