दिवाली पर जरूर करें मां लक्ष्मी के भाई की पूजा, वरना नहीं मिलेगा पूरा फल, पढ़ें डिटेल

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Oct 22, 2022, 01:25 PM IST

diwali pooja

दिवाली की पूजा कई रस्मों और रिवाजों से जुड़ी होती है. जान लीजिए देवी लक्ष्मी के भाई की पूजा का महत्व. इनके बिना भी दिवाली की पूजा अधूरी मानी जाती है.

डीएनए हिंदी: दिवाली का त्योहार दस्तक दे रहा है. देश भर में 24 अक्टूबर को दिवाली मनाई जाएगी. हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को दिवाली मनाई जाती है. इस दिन लक्ष्मी-गणेश की पूजा होती है. कई तरह की रस्मों-रिवाजों से सजा यह त्योहार विशेष रूप से मां लक्ष्मी की पूजा के लिए जाना जाता है. मगर क्या आप जानते हैं कि दिवाली की पूजा में मां लक्ष्मी के भाई की पूजा का भी खास महत्व है. क्या आप जानते हैं मां लक्ष्मी के भाई कौन हैं? जानिए ये पूरी डिटेल-

कौन हैं माता लक्ष्मी के भाई
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार शंख (Shankh) को माता लक्ष्मी का भाई कहा जाता है. शंख की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान ही हुई थी. समुद्र मंथन के दौरान समुद्र से 14 रत्न निकले थे, जिनमें से शंख भी एक है. इसी कारण धन की देवी माता लक्ष्मी और दक्षिणावर्ती शंख को भाई-बहन माना जाता है. शंख को मां लक्ष्मी का छोटा भाई बताया गया है.

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क्या है पूजा में शंख का महत्व
माना जाता है कि शंख में देवी-देवताओं का वास होता है. शंख को समृद्धि, सुख, विजय, यश, शांति और कीर्ति का प्रतीक माना जाता है. धन की देवी माता लक्ष्मी के हाथ में एक शंख हमेशा दिखाई देता है. कहा जाता है कि जैसे बिना मां लक्ष्मी की कृपा से धन नहीं मिलता, वैसे ही शंख के बिना सकारात्मक और आध्यात्मिक शक्ति नहीं मिलती है.

धनतेरस-दिवाली पर जरूर खरीदें शंख
दिवाली से जुड़ी खरीदारी के दौरान यदि आप दक्षिणावर्ती शंख भी घर लाते हैं तो इसे काफी शुभ माना गया है. माना जाता है कि शंख की आवाज से आरोग्य होने का आशीर्वाद मिलता है. हर दिन शंख बजाने से सांस से जुड़ी बीमारियों का खतरा बहुत हद तक कम हो जाता है. शंख की आवाज घर में सुख-शांति और खुशहाली लाती है.

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