डीएनए हिंदी: भाई दूज का त्योहार इस साल 26 अक्टूबर को है. रक्षाबंधन के बाद बहनों को इस दिन का भी खास तौर पर इंतजार होता है. परंपरा है कि इस दिन भाई अपनी बहन के यहां जाते हैं. बहन अपने भाई को तिलक लगाती हैं. आरती करती हैं. खाना खिलाती हैं. उनकी लंबी उम्र की कामना करती है. सालों से ये परंपरा यूं ही चली आ रही है. मगर क्या आप जानते हैं ऐसा क्यों किया जाता है? भाई दूज क्यों मनाया जाता है? क्या है इसके पीछे की कहानी?
यहां पढ़ें भाई दूज की पूरी कहानी-
भाई दूज बनाने की कहानी जुड़ी है यमुना और यमराज से. दोनों भाई-बहन हैं. यमुना और यमराज का जन्म भगवान सूर्य और उनकी पत्नी छाया के यहां हुआ था. बहन यमुना अपने भाई यमराज को बहुत प्यार करती थी. वह अक्सर भाई को अपने घर बुलाती हैं, लेकिन यमराज नहीं आ पाते. फिर कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष के दौरान यमुना ने भाई यमराज से अपने घर आने का वचन ले लिया. यमराज दूज के दिन बहन यमुना के घर आए. भाई यमराज को अपने घर आय़ा देखकर बहन यमुना बेहद खुश हुईं. भाई के लिए यमुना ने खूब स्वादिष्ट खाना बनाया. कई व्यंजन तैयार किए. जब बहन के अतिथि सत्कार से खुश होकर यमराज ने यमुना से कुछ मांगने को कहा तो उन्होंने मांगा कि आप हर साल इस दिन मेरे घर आया करो. हर साल इस दिन जो भी बहन मेरी तरह आपका सत्कार करे, टीका करे उसे अपने भय से मुक्त कर दो. तब यमराज ने बहन को खूब सारे आभूषण और वस्त्र देकर तथास्तु कहा. तभी से ये परंपरा चली आ रही है. इस दिन भाई अपनी बहन के घर जाकर टीका करवाते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से भाई-बहन की उम्र लंबी होती है.
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यमराज का घर आना
यमराज जानते थे कि वह प्राणों को हरने वाले हैं और उन्हें कोई अपने घर नहीं बुलाना चाहता. ऐसे में उनकी बहन ने इन सब बातों को जानने के बाद भी जब बार-बार भाई यमराज को अपने घर बुलाया तब यमराज इसे अपना धर्म समझकर वहां पहुंचे. इस दौरान उन्होंने नरक में रहने वाले कई लोगों को मुक्त भी किया.
क्या है भाई दूज 2022 का शुभ मुहूर्त
भाई दूज तारीख- 27 अक्तूबर 2022
भाई दूज पर तिलक शुभ मुहू्र्त: 12:14 से 12:47 तक
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