Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि पर रखने वाले हैं व्रत तो बिल्कुल भी मत करें ये गलतियां

| Updated: Feb 17, 2023, 11:57 AM IST

Lord Shiv के पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ माने गए इस दिन में व्रत रखने के लिए कुछ खास बातों को ध्यान रखना जरूरी है

डीएनए हिंदी: इस साल महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2023) का पवित्र त्योहार 18 फरवरी को  मनाया जाएगा. महाशिवरात्रि को शिव पार्वती विवाह के चलते सर्वाधिक पवित्र दिन माना जाता है. यह पूरे देश और विश्व में धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन व्रत रखने की परंपरा है, अगर आप भी व्रत रहने वाले हैं तो शिवरात्रि के इस व्रत के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. 

भगवान शिव (Mahashivratri Fast) को लेकर कहा है जाता है कि वे छोटी-छोटी बातों पर अपने भक्तों से खुश हो जाते हैं. ठीक इसी तरह एक छोटी से बात उन्हें क्रोधित भी कर सकती है. ऐसे में अगर आप महाशिवरात्री का व्रत रखने वाले हैं तो आपको यह पता होना चाहिए कि व्रत के दौरान क्या करना है और क्या नहीं. 

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Mahashivratri Fast में बिल्कुल न करें ये काम 

महाशिवरात्रि के व्रत के दौरान आपको चावल, गेहूं या दालों से बनी किसी भी चीज का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि व्रत के दौरान इन खाद्य पदार्थों की अनुमति नहीं होती है. इसके अलावा लोग आमतौर पर लहसुन, प्याज और मांसाहारी भोजन से बचते हैं क्योंकि वे प्रकृति में तामसिक होते हैं और शिव व्रत के दिन यह खाना भगवान शिव को आक्रोशित भी कर सकता है. 

कुछ लोग अलग-अलग तरह से पूजन करने के चलते कुछ गलत कर देते  हैं. वे शिवलिंग पर नारियल पानी चढ़ा देते हैं जबकि ऐसा कतई नहीं करना चाहिएय ऐसा माना जाता है कि जो लोग भगवान शिव की पूजा, व्रत और पूजा करते हैं, उन्हें सौभाग्य की प्राप्ति होती है. बहुत से लोग यह भी सोचते हैं कि महा शिवरात्रि व्रत भक्तों को याद दिलाता है कि अभिमान, अहंकार और झूठ पतन की ओर ले जाते हैं. 

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Mahashivratri Vrat में इन बातों का रखें ध्यान

  1. व्रत के दिन सूर्योदय के तुरंत बाद जल्दी सोकर उठें. व्रत के दिन स्नान करके स्वच्छ, सफेद वस्त्र धारण करना चाहिए. 
  2. अपने व्रत को अधिक फलदायी बनाने के लिए कई बार "ओम नमः शिवाय" का जाप करें. 
  3. इस तथ्य के कारण कि शिवरात्रि पूजा रात में की जाती है. भक्त शिव पूजा करने से पहले शाम को स्नान करते हैं. स्नान के बाद, अगले दिन, भक्त आमतौर पर अपना उपवास तोड़ते हैं. 
  4. दूध, धतूरे के फूल, बेलपत्र, चंदन का पेस्ट, दही, शहद, घी और चीनी भगवान शिव को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद में से हैं. 
  5. व्रत का पूरा लाभ पाने के लिए, भक्त भोर और चतुर्दशी तिथि के अंत के बीच अपना उपवास तोड़ते हैं. 

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