Mundan Sanskar: क्यों किया जाता है बच्चे का मुंडन संस्कार, क्यों हल्दी या रोली से बनाया जाता है माथे पर स्वास्तिक

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Dec 26, 2022, 02:26 PM IST

प्रतीकात्मक तस्वीर

Mundan Sanskar: जन्म के बाद बच्चे के मुंडन संस्कार के बारे में तो आप जानते ही हैं. आज हम आपको मुंडन संस्कार के पीछे छिपे कारण के बारे में बताएंगे.

डीएनए हिंदीः हिंदू धर्म में सभी शुभ कामों को पूरे रीति रिवाज और परंपराओं के साथ किया जाता है. सभी रिवाजों और परंपराओं के पीछे कोई न कोई धार्मिक व वैज्ञानिक कारण जरूर होता है. आप जन्म के बाद बच्चे के मुंडन संस्कार (Mundan Sanskar) के बारे में तो जानते ही होंगे. आज हम आपको इस मुंडन संस्कार के पीछे के कारण को बताएंगे. 

मुंडन संस्कार (Mundan Sanskar) हिंदू धर्म के प्रमुख 16 संस्कारों में से एक है. मुंडन संस्कार में बच्चे के पहली साल के आखिर में या फिर तीसरे, पांचवें या सातवें वर्ष में बाल उतारे जाते हैं. मुंडन संस्कार में बाल उतारने के बाद सिर पर हल्दी लगाई जाती है और स्वस्तिक का निशान बनाया जाता है. मुंडन संस्कार को वपन क्रिया संस्कार या चूड़ाकर्म संस्कार भी कहते हैं. इस मुंडन संस्कार में कई क्रियाएं की जाती है. तो चलिए बताते हैं मुंडन संस्कार से जुड़ी बातों और रीति रिवाज के बारे में.

मुंडन संस्कार करने की जरूरत (Mundan Sanskar Necessary)
बच्चों का मुंडन संस्कार करने के पीछे कई वैज्ञानिक और धार्मिक कारण हैं. 

धार्मिक कारण (Religious Reason)
धार्मिक दृष्टिकोण से यह माना जाता है कि मुंडन संस्कार के बाद ही बच्चे को दिमागी विकास सही ढंग से हो सकता है.

वैज्ञानिक कारण (Scientific Reason)
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह माना जाता है कि नवजात शिशु के बालों में कई अशुद्धियां होती हैं इसलिए इन्हें काटना जरुरी होता है. ऐसा न करने पर बच्चे के सेहत और मनो-मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है.

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मुंडन के बाद सिर पर हल्दी लगाने की परंपरा

धार्मिक कारण (Religious Reason)
हिंदू धर्म में हल्दी को पवित्र माना मानते हैं इतना ही नहीं इसे गुरु ग्रह से भी संबंधित माना जाता है जो शुभ कार्यों के कारक माने जाते हैं. इसलिए सिर पर हल्दी लगाकर बच्चे के उज्ज्वल भविष्य की कामना की जाती है. 

वैज्ञानिक कारण (Scientific Reason)

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो हल्दी एंटीबायोटिक की तरह काम करती है इसलिए मुंडन के बाद सिर पर हल्दी लगाकर बच्चे को बीमारियों से बचा सकते हैं.

स्वास्तिक का निशान (Swastik Ka Nishan)
मुंडन संस्कार के बाद सिर पर हल्दी का लेप किया जाता है. हल्दी के लेप के बाद सिर पर कुमकुम से स्वास्तिक का निशान बनाया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह निशान शुभ होता है. इसे श्रीगणेश का प्रतीक माना जाता है. यह भी माना जाता है कि जिस जगह पर स्वास्तिक बनाया जाता है वहीं पर सहस्रार चक्र होता है. यहीं शरीर का मुख्य चक्र होता है तो शरीर को नियंत्रित करता है.

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Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.) 

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