Som Pradosh Vrat: आज है सोम प्रदोष व्रत, ये है शिव पूजा का मुहूर्त और महत्व

Written By ऋतु सिंह | Updated: Nov 21, 2022, 05:24 AM IST

Som Pradosh Vrat 2022: जानिए कब है सोम प्रदोष व्रत

Som Pradosh Vrat: नवंबर माह का सोम प्रदोष व्रत आज सोमवार 21नवंबर को है. जानिए पूजा का शुभ मुहुर्त और पूजन विधि क्या है.

डीएनए हिंदीः साेमवार को प्रदोष व्रत (Som Pradosh Fast) होने के कारण इसे साेम प्रदोष कहा जाता है. आज इस व्रत में भगवान शिव (Bhagwan Shiv) की होगी. हर माह 2 प्रदोष व्रत होते हैं. हर माह की त्रयोदिशी तिथि पर प्रदोष व्रत  होता है. इस बार प्रदोष व्रत का महत्व ज्यादा है क्योंकि ये सोमवार को है और ये दिन भोले बाबा का होता है. ऐसे में इस व्रत को रखने से दोगुने पुण्य का लाभ मिलेगा.

इस बार प्रदोष व्रत 21 नवंबर रखा जाएगा. इस व्रत की शिव भक्तों के बीच विशेष मान्यता है. जानिए किस तरह सोम प्रदोष व्रत में भगवान शिव की आराधना और पूजा-पाठ किया जा सकता है और किस मुहुर्त को पूजा के लिए शुभ माना जा रहा है. 

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सोम प्रदोष व्रत पर पूजा | Som Pradosh Vrat Puja 
21 नवंबर के दिन पड़ रहे सोम प्रदोष व्रत पर पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 25 मिनट से रात 8 बजकर 6 मिनट तक माना जा रहा है. वहीं, पूजा की शुरूआत 21 नवंबर से हो रही है और व्रत का पारण अगले दिन होना है. ज्योतिषनुसार सोम प्रदोष व्रत के दिन आयुष्मान योग बन रहा है और यह योग पूजा पाठ व मांगलिक कार्यों को करने की दृष्टि से बेहद शुभ माना जाता है. 

भगवान शिव का पूजा इस तरह से करें

सोम प्रदोष व्रत के दिन सुबह उठकर निवृत्त होने के बाद स्नान किया जाता है. इसके पश्चात भक्त भगवान शिव के मंदिर जाते हैं या फिर घर के मंदिर में ही पूजा करते हैं. भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए भक्त शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक करते हैं. साथ ही, शिवलिंग पर जौ अर्पित किया जाता है. सोम प्रदोष व्रत की पूजा में कच्चा दूध, पुष्प, मेवे, कपूर, रोली, बेलपत्र, शहद, दीप, धूप और घी आदि शामिल किया जाता है. भगवान शिव की आरती और भजन गाने भी शुभ माने जाते हैं. 

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सोम प्रदोष व्रत को रखने के महत्व की बात करें तो भक्त इस व्रत (Vrat) को अपने आराध्य शिव की कृपा पाने के लिए रखते हैं. इस व्रत को मनोकामना पूरी करने के लिए व सुख-समृद्धि व जीवन में उन्नति के लिए भी रखा जाता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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