डीएनए हिंदी: हिंदू पंचांग के अनुसार भादप्रद माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि (Dwadashi Tithi) को भगवान विष्णु के वामन अवतार (Vamana Jayanti) की पूजा की जाती है. इस तिथि को भगवान वामन के जमोत्सव के रूप में मनाया जाता है. इस वर्ष भगवान वामन की जयंती 7 सितंबर को मनाई जाएगी. भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार, कूर्म अवतार, वराह अवतार और नरसिंघ अवतार के बाद वामन के रूप में अपना पांचवा अवतार लिया था. वामन द्वादशी के दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है साथ ही शुभ फल के लिए इस तिथि को उपवास रखा जाता है.
भगवान विष्णु के पांचवे अवतार वामन की कथा
सतयुग में भगवान विष्णु (Vishnu) के परम भक्त प्रहलाद के पौत्र दैत्यराज बलि ने स्वर्ग पर अधिकार कर लिया था जिसके कारण सभी देवताओं का जीवन संकट में आ गया. देवता गण इस समस्या के निवारण के लिए भगवान विष्णु के पास जाकर उनकी मदद मांगी. भगवान विष्णु ने सभी देवताओं का दुख दूर करने के लिए देवमाता अदिति के यहां वामन के रूप में जन्म लिया.
दैत्यराज बलि नर्मदा नदी के किनारे अश्वमेध यज्ञ कर रहे थे तभी वहां भगवान वामन बाल ब्रम्हचारी के रूप में पहुंच गए. यह देख बलि ने भगवान वामन का स्वागत किया और दान मांगने के लिए कहा. जिसपर भगवान वामन ने दैत्यराज बलि से तीन पग भूमि मांगी.
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दैत्यराज बलि ने भगवान वामन को तीन पग भूमि दान देने का वचन दे दिया जिसके बाद भगवान वामन ने पहले पग में धरती और दूसरे पग में आकाश नाप लिया. यह देख दैत्यराज बलि आश्चर्यचकित हो गया और उसने भगवान वामन से तीसरा पग उसके सिर पर रखने को कहा. जैसे ही भगवान वामन ने तीसरा पग उसके सिर पर रखा वह पाताल लोक जा गिरा. भगवान वामन उसकी दानवीरता से प्रसन्न हुए और उसे पाताललोक का स्वामी बना दिया.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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