डीएनए हिंदी: जब किसी का जन्म होता है तो उसके जन्म के अनुसार ही उसकी कुंडली बनती है. इसमें अलग अलग तरह के योग होते हैं. इसके आधार पर ही लोगों के लोगों की जीवन का भी अंदाजा लगाया जाता है. इन्हीं शुभ अशुभ में एक दोष केमद्रुम दोष भी है जो कि लोगों के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डालने वाला माना जाता है. केमद्रुम योग के लिए विशेषज्ञों का मानना है कि यह लोगों को हमेशा खौफ में रखता है और लोग हमेशी आर्थिक तौर पर भी परेशान रहते हैं.
इस दोष को लेकर कहा जाता है कि अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में केमद्रुम है तो फिर शुभ योगों का फल भी निष्क्रिय हो जाता है. यह योग चंद्रमा ग्रह के अशुभ प्रभाव के कारण किसी व्यक्ति की कुंडली में बनता है. इस योग के कारण व्यक्ति मानसिक रूप से बीमार रहता है और उसको अज्ञात भय लगा रहता है. साथ ही उसको जीवन में कई बार आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ता है और वह जीवन भर डर का सामना करता है.
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क्यों होता है केमद्रुम योग
जानकारी के अनुसार अगर किसी भी इंसान की कुंडली में चंद्रमा किसी भी भाव में अकेला बैठा हो और चंद्रमा के ऊपर किसी ग्रह की दृष्टि न हो तो केमद्रुम योग बनता है. चंद्रमा किस राशि में स्थित है और उसके अंश क्या हैं यह देखना अहम हो जाता है. अगर चंद्रमा की डिग्री कमजोर है तो इस स्थिति में यह अशुभ योग होने पर भी बहुत प्रतिकूल नहीं होता है लेकिन चंद्रमा यदि मजबूत हुआ तो दिक्कतें बढ़ सकती हैं.
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क्या है इसके बड़े दुष्प्रभाव
ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि इस केमद्रुम योग के कारण व्यक्ति को मानसिक बीमारी होने की आशंका रहता है और वह हमेशा ही परेशान रहता है. इंसान कभी भी किसी भी बात पर सही डिसीजन नहीं ले पाता है. इसके अलावा चंद्रमा के कमजोर होने से पेट संबंधी समस्याएं रहती हैं. इसके चलते लोगों का स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है.
- सोमवार का व्रत रखें. पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
- सोमवार को हाथ में एक चांदी का कड़ा धारण करें.
- शुभ मुहूर्त में कनकधारा यंत्र को पूजा स्थल में स्थापित कर प्रतिदिन कनकधारा स्त्रोत का पाठ करें.
- एकादशी का व्रत रखें.
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