पाकिस्तान के इन 9 मंदिरों में दर्शन के लिए तरसते हैं भारतीय, कुछ का महाभारत से भी है कनेक्शन

1947 में जब भारत और पाकिस्तान के बीच विभाजन हुआ तो कई हिंदू, जैन और सिख मंदिर पाकिस्तान के हिस्से में आ गए. भारत के लोग इन मंदिरों के लिए तरसते हैं.

जब एक देश के दो टुकड़े होते हैं तो जमीनों के साथ-साथ संस्कृतिक धरोहर भी बंट जाते हैं. भारत और पाकिस्तान के बीच हुए विभाजन में भी ऐसा ही हुआ है. हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध संस्कृति के कई मंदिर पाकिस्तान के हिस्से में आए हैं. वहां, वे उपेक्षित पड़े हैं. भारत की धार्मिक कथाओं में उनका जिक्र तो होता है लेकिन लोग सिर्फ उनका नाम सुनते हैं. इन मंदिरों में से कुछ तो महाभारत कालीन महत्व के हैं. सरहद के उस पार जाने में इतनी मुश्किलें हैं, दोनों देशों के बीच इतने तल्ख संबंध हैं कि लोग आजीवन वहां नहीं जा सकते हैं. पाकिस्तान में धार्मिक बसे अल्पसंख्यकों की हालत इतनी खराब है कि उन्हें अपने धार्मिक धरोहरों की सुरक्षा के लिए आवाज उठाने का  हम पाकिस्तान के कुछ खास, ऐसे ही मंदिरों के बारे में आपको बता रहे हैं.

कटासराज मंदिर, पंजाब

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में कटासराज मंदिर स्थित है. कटासराज मंदिर की गिनती पाकिस्तान के प्रसिद्ध मंदिरों में होती है. यह मंदिर पाकिस्तान के प्राचीनतम मंदिरों में से एक है. भगवान शिव के इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि यह महाभारत काल से ही स्थित है.
 

जैन मंदिर, नगरपारकर बाजार

भारत और पाकिस्तान सीमा से सटे हुए नगरपारकर गांव में एक जैन मंदिर हैं. पाकिस्तान का यह मंदिर बेहद प्रसिद्ध है. यह मंदिर स्थापत्य शैली से प्रभावित है. इस मंदिर को उपेक्षित छोड़ दिया गया है. मंदिर का प्रवेश द्वार की भव्यता आज भी दिखती है. मंदिर के खंबे पर भी सुंदर कलाकृतियां बनी हुई हैं. ऐसा कहा जाता है कि यह मंदिर 12वीं से 15 शताब्दी में बना होगा. हालांकि अब पाकिस्तान में यह धरोहर उपेक्षित पड़ी है.
 

सैदपुर मंदिर, इस्लामाबाद

इस्लामाबाद के सैदपुर गांव में भी एक प्राचीन हिंदू मंदिर है. हिंदू सेनापति राजा मान सिंह ने इस मंदिर का जिर्णोद्धार कराया था. मंदिर में माता लक्ष्मी और काली की मूर्तियां हैं. मंदिर के भीतर सुंदर कलाकृतियां बनी हुई है. इस मंदिर को दोबारा खोलने की मांग आए दिन पाकिस्तान में उठती है. 
 

हिंगलाज मंदिर, बलूचिस्तान

पाकिस्तान का सबसे विवादित प्रांत बलूचिस्तान है. बलूचिस्तान में पाकिस्तान सबसे दमनपूर्ण रवैया अपनाता है. बलूचिस्तान में ही हिंगलाज माता का विश्व प्रसिद्ध मंदिर है. यह मंदिर हिंगोल नेशनल पार्क के बीच में स्थित है. हिंगलाज मंदिर माता सति के शक्तिपीठों में से एक है. भारत में भी इस मंदिर की प्रतीकात्मक पूजा होती है. कई ग्रंथों में इस मंदिर का जिक्र किया गया है. 
 

जगन्नाथ मंदिर सियालकोट

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सियालकोट में प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर है. यह मंदिर बहुत सुंदर है. साल 2007 में यहां जगन्नाथ की प्रतिमा स्थापित की गई थी. जगन्नाथ भगवान विष्णु के एक रूप हैं. यह मंदिर बहुत सुंदर है.
 

वरुण देव मंदिर, पाकिस्तान

पाकिस्तान के मनोरा आइलैंड में भगवान वरुण का मंदिर है. यह सिंध प्रांत में पड़ता है. हिंदू धर्म की मान्यता के मुताबिक वरुण को जल का देवता कहा जाता है. 

स्वामीनारायण मंदिर, कराची

पाकिस्तान के कराची में बड़ी संख्या में हिंदू धर्मावलंबी रहते हैं. कराची में प्रसिद्ध स्वामीनारायण मंदिर भी है. यह मंदिर स्वामीनारायण संप्रदाय की है. भारत में भी इस मंदिर का जिक्र होता है.

शारदा देवी मंदिर, पाक अधिकृत कश्मीर

शारदा देवी मंदिर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में है. यह मां सरस्वती का मंदिर है. शारदा मंदिर नीलम घाटी में लाइन ऑफ कंट्रोल के पास ही स्थित है. इसे शारदापीठ के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि यह मंदिर कुषाण शासन के वक्त बना था.

गोरी मंदिर, नगरपारकर

गोरी मंदिर नगरपारकर में स्थित है. यह मंदिर बेहद प्राचीन शैली में बना है. छोटे-छोटे करीब 52 मंदिरों के समूह का यह मंदिर इकलौता उदाहरण है. यहां जैन धर्म के प्रवर्तकों की ओर स्थापित मंदिर है.