ऐसी मान्यताएं हैं कि कलयुग में कैलाश पर्वत के उत्तर में स्थित गंधमादन पर्वत पर हनुमान जी आज भी वास करते हैं. कई ऋषि मुनियों ने तपस्या कर यहां पर बजरंगबली के दर्शन किए हैं. हनुमान जी अमरता का वरदान है और उनका निवास स्थान इसी पर्वत को माना जाता है.
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कर्नाटक के कोप्पल और बेल्लारी जिसे के पास किष्किंधा क्षेत्र में किष्किंधा अंजनी पर्वत मौजूद हैं. ऐसी मान्यताएं है कि इसी पर्वत पर माता अंजनी ने तपस्या की थी. इसी स्थान पर राम जी हनुमान जी से मिले थे. यहां पर आज भी हनुमान जी का वास माना जाता है.
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जिस स्थान पर रामायण का पाठ होता है और राम का नाम लिया जाता है. वहां पर भी हनुमान जी का वास होता है. राम नाम का जाप करने से हनुमान जी प्रसन्न होकर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.
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कलयुग में नीम करोली बाबा भगवान हनुमान जी का ही अवतार माने गए हैं. उन्हें हनुमान जी का साक्षात रूप माना जाता है. नीम करोली बाबा के कई चमत्कार की कहानियां भी बहुत प्रचलित हैं. आप बजरंगबली के दर्शन के लिए नीम करोली बाबा के कैंची धाम आश्रम भी जा सकते हैं.
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प्रभु श्रीराम के पृथ्वीलोक छोड़ने के समय बजरंगबली भी साथ जाना चाहते थें. हालांकि प्रभु श्रीराम ने कहा था कि तुम्हें कलयुग में धर्म जब खत्म होगा तो राम भक्तों के मन में हमेशा रहना है इसलिए रामभक्तों के मन में सदा हनुमान जी रहते हैं.