Surya Dev Puja: क्यों कहते हैं सूर्य को नवग्रहों का देवता, जानें पूजा विधि

सूर्य देव का हिंदू धर्म में विशेष स्थान है. इन्हें नवग्रहों का राजा कहते हैं. सूर्य देव प्रसन्न हों, तो सारे बिगड़े काम बन जाते हैं, ऐसी मान्यता है.

सूर्यदेव को नवग्रहों का राजा कहते हैं. इनकी पूजा और उपासना का भी विशेष महत्व है. सूर्य देव को सुबह जल चढ़ाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. जानें सूर्यदेव की पूजा विधि और क्यों हैं नवग्रहों के देव. 

सूर्य को मानते हैं नवग्रहों में प्रथम ग्रह

ज्योतिष में सूर्य को नवग्रहों में प्रथम ग्रह और पिता के भाव कर्म का स्वामी माना गया है. जीवन से जुड़े तमाम दुखों और रोगों को दूर करने के लिए सूर्य की पूजा की जाती है. 
 

संतान लाभ के लिए भी सूर्य देव की पूजा

पिता-पुत्र के संबंधों में विशेष लाभ के लिए सूर्य साधना पुत्र करने की मान्यता है. साथ ही, जिन्हें संतान नहीं होती उन्हें भी सूर्य की पूजा करने से लाभ होता है.

आसान है सूर्य की पूजा करना 

अगर सच्चे मन से रोज सुबह नहाकर सूर्य देव को जल अर्पित किया जाए, तो मनचाही इच्छा पूरी होती है. माना जाता है कि सूर्य देव की पूजा के लिए सिर्फ सच्ची श्रद्धा होनी चाहिए. 

सूर्य देव बनाते हैं सारे बिगड़े काम

ऐसा कहा जाता है किअगर किसी पर सूर्य की कृपा होती है, तो उसके सभी बिगड़े हुए काम जल्दी पूरे होने लगते हैं. हर काम में सफलता मिलती है और यश भी होता है.