Photos: रंगभरी एकादशी पर रंगीन नजर आई बांके बिहारी की कुंज गली, खूब उड़ा अबीर-गुलाल

आज रंगभरी एकादशी है. इस दिन वृंदावन में जमकर होली खेली जाती है.

आज के दिन ठाकुर बांके बिहारी के मंदिरों में अबीर गुलाल उड़ाया जाता है और भक्त अपने भगवान के साथ खूब होली खेलते हैं. भक्त और भगवान के इस संगम को देखकर हर कोई आनंद से झूम उठता है.
 

रंगीन दिखाई दी बांके बिहारी की कुंज गली

वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में रंगभरी एकादशी के अवसर पर होली का जश्न शुरू हो गया है. भगवान बांके बिहारी की कुंज गली रंगभरी एकादशी पर रंगीन दिखाई दी. क्या बच्चे, क्या युवा, क्या बुजुर्ग हर वर्ग के लोग होली के इस आनंद को लूटते नजर आए.

शुद्ध केसर से बनाया जाता है रंग

रंगभरी एकादशी पर श्रीबांकेबिहारी के लिए शुद्ध केसर का रंग बनाया जाता है. इसे सबसे पहले ठाकुर जी को ही लगाया जाता है. फिर होली का परंपरागत शुभारंभ हो जाता है. मंदिर में टेसू के रंगों के साथ-साथ चोवा, चंदन के अलावा अबीर गुलाल से होली खेली जा रही है.

कब मनाई जाती है रंगभरी एकादशी?

पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रंगभरी एकादशी के रूप में मनाया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आज के दिन ही भगवान शिव माता पार्वती को पहली बार अपनी नगरी काशी लेकर आए थे.

कैसे पड़ा रंगभरी एकादशी नाम?

माना जाता है कि जब माता पार्वती विवाह के बाद पहली बार अपनी नगरी काशी आईं थी, तब भक्तों ने उनका स्वागत गुलाल से किया था. इस वजह से इसे रंगभरी एकादशी कहा जाता है.