शीशा घर में वास्तु नियमों के अनुसार ही लगाना चाहिए. खास बात ये है कि वास्तु में शीशा लगाने की दिशा ही नहीं, आकार भी बहुत मायने रखता है. यदि शीशा गलत दिशा में लगा हो तो उसका जीवन में नकारात्मक असर पड़ सकता है. तो आइए जानते हैं कि अगर घर में शीशा लगाने से जुडे क्या नियम हैं.
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वास्तु के अनुसार शीशे में भी ऊर्जा होती है.जब भी कोई शीशा देखता है तो उससे उसे एक उर्जा मिलती है, लेकिन अगर आईना सही दिशा या साइज का न हो तो इससे नकारात्मकता का समावेश होने लगता है. इसलिए घर में हमेशा वास्तु नियमों के अनुसार शीशे को लगाना चाहिए. तो चलिए जाने शीशे को लेकर वास्तु के नियम क्या कहते हैं.
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अगर आइना टूटा हुआ हो तो उससे निकलने वाली नकारात्मक ऊर्जा (Negative Energy) व्यक्ति के जीवन में कई मुश्किलें ला सकती है.
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वास्तु के मुताबिक ब्रह्मांड की पॉजिटिव एनर्जी (Positive Energy) हमेशा पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण की तरफ चलती है. आइए जानते हैं कि अगर घर में किसी भी तरह का शीशा टूटा हो तो क्या करें.
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शीशे का फ्रेम हमेशा चकोर ही होना चाहिए नहीं तो घर में वास्तु दोष बनता है.
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घर की तिजोरी या अलमारी के सामने रखा हुआ शीशा घर में धन की वृद्धि करता है. वास्तु के अनुसार घर में दक्षिण और पश्चिम दिशा में आइना ना लगाएं, इससे कलह या क्लेश बढ़ता है.
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कमरे की दीवारों पर आमने-सामने शीशा लगाने से घर में तनाव उत्पन्न हो सकता है.
घर में कांच की कई चीजें होती हैं जैसे टेबल, गिलास और बर्तन. ऐसे में अगर कांच का कोई भी घरेलू सामान टूट जाए तो उसे फेंक देना चाहिए.