पितृ नाराज हैं या खुश, कौए के इन संकेतों से दूर हो जाएगा आपका संशय

पितृपक्ष के 15 दिनों में श्राद्ध से लेकर तर्पण के बीच कौए को खाना खिलाना विशेष माना जाता है. मान्यता है कि यह खाना पूर्वजों तक पहुंचता है. वहीं कौए से जुड़े इन संकेतों को पितरों की नाराजगी और प्रसन्नता से जोड़कर देखा जाता है.

पक्षियों में शामिल कौए का पितरों से खास संबंध है. पितृपक्षों में इसके आने से लेकर बैठने तक का अलग अलग संकेत मिलता है. इसकी वजह हिंदू धर्म में कौए को यमलोक दूत माना जाना है, जो पितरों का संदेश पृथ्वी लोक पर उनके परिजनों तक पहुंचाता है. पितृपक्ष के 15 दिनों में श्राद्ध से लेकर तर्पण के बीच कौए को खाना खिलाना विशेष माना जाता है. मान्यता है कि यह खाना पूर्वजों तक पहुंचता है. वहीं कौए से जुड़े इन संकेतों को पितरों की नाराजगी और प्रसन्नता से जोड़कर देखा जाता है. आइए जानते हैं वो संकेत, जिनसे पता चलता है पितरों की नाराजगी और खुशी का पता... 

पितृपक्ष में कौए का घर आना

पितृपक्ष के दौरान कौए का घर की छत आगन में आना बहुत ही शुभ माना जाता है. उसका कुछ खाकर जाना पितरों द्वारा श्राद्ध और तर्पण को स्वीकार करना माना जाता है, जिससे घर में प्रसन्नता आती है.

घर की पूर्व दिशा कौए का बैठना

कौए का घर की पूर्व दिशा में आकर बैठने का अर्थ है कि आपके पितृ आपसे प्रसन्न हैं. उनकी कृपा से घर में जल्द ही कोइ मांगलिक कार्य हो सकता है. 

पितृपक्ष में कौए को पानी पीते दिखना

पितृपक्ष के 15 दिनों में आपको कौए का पानी पीते दिखना शुभ माना जाता है. इससे संकेत मिलता है कि जल्द ही आप जीवन में चल रही समस्याएं और कर्ज से मुक्ति पा सकते हैं.

कौए की चोंच में फूल पत्ती दिखना

पितृपक्ष के बीच कौए की चोंच में फूल या पत्ती का दिखना पितरों की प्रसन्नता के साथ ही मनोकामना पूर्ति का संकेत देता है.

कौए का गाय पर बैठना

पितृपक्ष के दौरान कौए का गाय की पीठ पर बैठना भी शुभ माना जाता है. इसे संकेत मिलता है कि जल्द ही आप नौकरी और व्यापार में तेजी से तरक्की कर सकते हैं.