Shiv Ji ki Aarti: सोमवार के दिन जरूर करें भगवान शिव की आरती, पूर्ण होंगी मनोकामनाएं

Shiv Ji ki Aarti: सोमवार के दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा करने से भक्तों के सभी कष्ट, दुख दूर हो जाते हैं. जानिए शिव जी की आरती का इतना महत्व क्यों है? किस तरह उनकी आरती की जानी चाहिए.

हिन्दू धर्म में सोमवार (Shiv Ji ki Aarti) के दिन को बहुत शुभ माना गया है. यह दिन भगवान शिव को समर्पित है. सोमवार के दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा करने से भक्तों के सभी कष्ट, दुख दूर हो जाते हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव को प्रसन्न करना बहुत आसान है. वे केवल दूध दही के अभिषेक, बेल-पत्र और धतूरे से ही भक्तों पर कृपा बरसा देते हैं. ऐसे में जिन लोगों के जीवन में किसी भी प्रकार का कठिन समय आता है उन्हें सोमवार के दिन महादेव की पूजा जरूर करनी चाहिए. पूजा के बाद शिव जी की आरती (Shiv Ji ki Aarti) के महत्व को भी विस्तार से बताया गया है.

शिव जी की आरती भाग-1

ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे। हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥ॐ जय..

शिव जी की आरती भाग-2

दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे। त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे॥ ॐ जय..
अक्षमाला वनमाला मुण्डमालाधारी। त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥ॐ जय..
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे। सनकादिक गरुड़ादिक भूतादिक संगे॥ ॐ जय..

शिव जी की आरती भाग-3

कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूलधारी। सुखकारी दुखहारी जगपालनकारी॥ ॐ जय..
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका। मधु-कैटभ दो‌उ मारे, सुर भयहीन करे॥ ॐ जय..

शिव जी की आरती भाग-4

लक्ष्मी, सावित्री पार्वती संगा। पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा॥ ॐ जय..
पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा। भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा॥ ॐ जय..

शिव जी की आरती भाग-5

जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला। शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला॥ ॐ जय..
काशी में विराजे विश्वनाथ, नन्दी ब्रह्मचारी। नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी॥ ॐ जय..
त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे। कहत शिवानन्द स्वामी, मनवान्छित फल पावे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥