Golu Devta Temple: ऐसा अनोखा मंदिर जहां बस चिट्ठी लिखने से पूरी होती है हर मनोकामना, मिलता है न्याय
उत्तराखंड में मौजूद इस Chitai Golu Devta के इस मंदिर में चिठ्ठी लिखने से आपकी हर मनोकामना पूरी होगी.
मनीष कुमार | Updated: Mar 31, 2023, 12:17 PM IST
गोलू देवता को कई नामों से बुलाते हैं भक्त
उत्तराखंड की स्थानीय संस्कृति में लोग गोलू देवता को सबसे बड़े और तुरंत न्याय दिलाने वाले देवता के रूप में पूजते हैं. इनके भक्त इन्हें कई नामों से संबोधित करते हैं जैसे राजवंशी देवता, गौर भैरव, और गोल्ज्यू महाराज आदि. कई मान्यताओं में इन्हें देवों के देव महादेव शिव का अवतार भी माना जाता है.
मनोकामना पूरी होने पर मंदिर में चढ़ाई जाती है घंटी
देश-विदेशों से गोलू देवता के इस मंदिर में लोग न्याय की गुहार लगाने आते हैं. ऐसी मान्यता है कि जब किसी को कोर्ट-कचहरी या फिर अन्य जगहों से न्याय नहीं मिलता है, तो वह यहां आकर गोलू देवता के समक्ष अर्जी लगाता हैं. यहां लोग अपनी मन्नत के लिए पत्र लिखते हैं और जब उनकी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं तो वापिस आकर आभार व्यक्त करते हुए घंटियों की भेंट चढ़ाते हैं.
गोलू देवता को लेकर क्या कहता है इतिहास
ऐतिहासिक रूप से, गोलू देवता को राजा झाल राय और उनकी पत्नी कलिंका का बहादुर पुत्र और कत्युरी राजा का सेनापति माना जाता है. उनके दादा हल राय थे. ऐतिहासिक रूप से चंपावत को गोलू देवता का उद्गम स्थल माना जाता है. उनकी मां कलिंका को दो अन्य स्थानीय देवताओं हरिश्चंद देवज्युन (चंदों के राजा हरीश की दिव्य आत्मा) और सेम देवज्यून की बहन भी माना जाता है. दोनों देवताओं को भगवान गोलू के चाचा भी माना जाता है.