वैकुंठ चतुर्दशी पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की चतुर्दशी तिथि 14 नवंबर गुरुवार को सुबह 9:43 बजे से शुरू होगी और 15 नवंबर, शुक्रवार को सुबह 6:19 बजे तक रहेगी.
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14 नवंबर, गुरुवार को वैकुंठ चतुर्दशी मनाई जाएगी. रात्रि पूजा का शुभ समय रात्रि 11:39 बजे से 12:32 बजे तक है.
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मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और भगवान शिव से भेंट करते हैं.
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इस दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा एक साथ की जाती है. इस दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन भगवान विष्णु के धाम बैकुंठ में स्थान मिलता है.
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इस दिन भगवान शिव को तुलसी और भगवान विष्णु को बेलपत्र चढ़ाया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है और आय में भी वृद्धि हो सकती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)