Hajj Yatra 2022: हज यात्रा में शैतान को इसलिए मारा जाता है पत्थर, जानिए इस्लाम में क्या है इसका महत्व

इस्लाम में Hajj Yatra को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है, जानते हैं इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें.

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jun 07, 2022, 04:35 PM IST

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इस्लाम में 5 स्तंभ हैं- कलमा पढ़ना, नमाज पढ़ना, रोजा रखना, जकात देना और हज यात्रा पर जाना. 

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हज यात्रा के दौरान पुरुष सफेद रंग के लिबास पहनते हैं. वहीं महिलाएं ऐसे कपड़े पहनती हैं, जिससे मुंह छोड़कर पूरा शरीर ढक जाए. यात्रियों को इन दिनों में इत्र लगाना, नाखून, बाल व दाढ़ी काटने की मनाही होती है. इस दौरान झगड़ने या बहस करने की भी इजाजत नहीं होती है. 

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हज यात्रा के दौरान हज यात्रियों को काबा शरीफ के चारों ओर सात बार परिक्रमा करनी होती है. काबा ही वो इमारत है जिसकी तरफ मुंह करके मुसलमान नमाज अदा करते हैं.

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मुस्लिम धर्म की मान्यता के अनुसार जब हजरत इब्राहिम ने अपने बेटे हजरत इस्माइल को खुदा के हुक्म पर कुर्बान करने का फैसला लिया तब शैतान ने उन्हें ऐसा करने से रोका. शैतान ने ऐसा इसलिए किया ताकि वह खुदा का हुक्म न मान सकें. यही कारण है कि आज भी शैतान को पत्थर मारने की परंपरा बनी हुई है.

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शैतान को पत्थर मारने की परंपरा के बाद बकरीद पर जानवरों की कुर्बानी देने की परंपरा है. इसके बाद हज पूरा हो जाता है. हज यात्रा के खत्म होते ही यात्री बाल और दाढ़ी बनवाते हैं, वहीं महिलाएं नाखून और बाल कटवाती हैं.