डीएनए हिंदी: नवरात्रि पर मां दुर्गा के मंदिर और पंडालों को अलग अलग तरह से सजाया गया है, वहीं आंध्रप्रदेश के विशाखापत्तनम (Visakhapatnam) स्थित देवी वासवी कन्याका परमेश्वर (Vasavi Kanyaka Parameswar) का 135 साल पुराना मंदिर 8 करोड़ रुपये के नोटों से सजाया गया है. नवरात्रि के खास अवसर पर मंदिर की दीवारें और जमीन को सोने से ढका गया है.
मंदिर समिति का कहना है, "यह सार्वजनिक योगदान है और नवरात्रि पूजा समाप्त होने के बाद उन्हें वापस कर दिया जाएगा. दशहरे पर कन्याका परमेश्वर मंदिर में देवी को सोने के गहनों और करोड़ों की मुद्रा से सजाया जाता है. समिति ने कहा कि नोट व गहने मंदिर के अंदरूनी हिस्से को सजाने के लिए प्रयोग किए जाते हैं. इस मंदिर में परंपरागत रूप से हर साल नवरात्रि व उस्तावलु के अवसर पर मूर्ति को सोने के आभूषणों और नए नोटों से सजाया जाता है.
महालक्ष्मी के स्वरूप की होती है पूजा
नवरात्रि के दौरान 135 साल पुराने इस मंदिर में महालक्ष्मी के विभिन्न अवतारों की पूजा की जाती है. ऐसे में नवरात्रि के दिनों में जिस दिन देवी महालक्ष्मी का अवतार लेती हैं, उस दिन देवता को सजाने के लिए सोना और मुद्रा का उपयोग किया जाता है. लोगों का मानना है कि देवी के चरणों में अपना पैसा रखने से व्यापार में मुनाफा और अच्छा रिटर्न मिलता है. ऐसे में लोग मंदिर को सजाने के लिए अपना पैसा यहां दान करते हैं और पूजा के बाद उन्हें वह पैसा मंदिर समिति द्वारा वापस कर दिया जाता है.
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यहां सजावट के लिए भारतीय और विदेशी मुद्रा दोनों नोटों का उपयोग किया जाता है. देवी के पीछे की दीवारों और मंदिर के अंदर कमरे के फर्श को सजाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है. लोगों का मानना है कि पूजा के लिए अम्मावरु (देवी) के पास मुद्रा और सोना रखना अत्यंत शुभ होता है.
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सालों से चली आ रही है परंपरा
यह पहली बार नहीं है जब मंदिर ने इतनी शानदार सजावट में निवेश किया है. मंदिर में ऐसी सजावट एक परंपरा है जो लंबे समय से चली आ रही है. कहा जाता है जब इस परंपरा की शुरुआत हुई तब 11 लाख का सजावट किया गया था जिसे हर साल बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा था.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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