डीएनए हिंदीः शास्त्रों-धार्मिक ग्रंथों में कुछ ऐसी महिलाओं का (Hindu Dharma) जिक्र मिलता है, जिनकी खूबसूरती की तुलना किसी से नहीं की जा सकती हैं. यही कारण है कि इन महिलाओं की खूबसूरती की मिसालें आज भी दी जाती हैं. आज हम आपको हिंदू धार्मिक ग्रन्थों में वर्णित ऐसी ही 5 महिलाओं (5 Most Beautiful Women in Hindu Mythology) के बारे में बताने वाले हैं. देवता भी इन महिलाओं की खूबसूरती के कायल थे. इन महिलाओं से जुड़ी कई कथाएं प्रचलित हैं (Most Beautiful Apsara), जिसका वर्णन पुराणों और हिंदू धार्मिक ग्रन्थों में मिलता है, तो आइए जानते हैं इन खूबसूरत महिलाओं के बारे में..
मोहिनी (Mohini)
भगवान विष्णु ने समुद्र मंथन के दौरान निकले अमृत कलश को पाने के लिए दैत्या और देवतओं की लड़ाई में दैत्यों को चकमा देने के लिए मोहिनी रूप धारण किया था. ऐसे में
इतनी खूबसूरत महिलाआ को देख कर दैत्य कलश को भूल गए और मोहिनी के रूप को निहारने लगे.
दैत्यों और देवताओं दोनों को इस बात की भनक तक नहीं लगी कि मोहिनी के रूप में स्वंय भगवान विष्णु उनके सामने मौजूद हैं. इसलिए आज भी जब खूबसूरती की बात हाती है, तो मोहिनी की उपमा दी जाती है.
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तिलोत्मा (Tilottama)
तिलोत्मा स्वर्ग की एक अपसरा थी, जिन्हें बृह्मा जी ने दो असुर भाइयों का आपसी भाईचारा तोड़ने के लिए बनाया था. दरअसल पृथ्वी पर सुंद उपसुंद नाम के दो असुरों ने तहलका मचा रखा था और दोनों भाई हमेशा एक दूसरे के साथ रहते थे जिससे उनकी शक्ति इतनी बढ़ जाती थी कि उन्हें कोई हरा नहीं पाता था. ऐसे में बृह्मा जी ने तिलोत्मा को पृथ्वी पर भेजा ताकि वह अपनी खूबसूरती से दोनों भाईयों के बीच फूट डाल दे और ऐसा वास्तव में हुआ भी.
उर्वशी (Urvashi)
उर्वशी देवराज इंद्र के दरबार में एक अप्सरा थी और वहां रहते रहते उन्हें काफी बोरियत होने लगती थी. इसलिए वह हमेशा पृथ्वी पर रहने वाले लोगों का जीवन जीना चाहती थी. ऐसे में तय किया कि वह कुछ समय के लिए पृथ्वी पर जाएगी. लेकिन वह पृथ्वी पर कुछ दिन समय बिता कर जब वापिस स्वर्ग लौट रही थी तब उन्हें बीच में एक राक्षस ने पकड़ लिया. जहां राजा पुरुरवा ने उन्हें बचा लिया. ऐसे में उर्वशी को राज से प्यार हो गया और वे पुरुरवा भी उर्वशी की सुंदरता से मोहित हो उठे थे. इसलिए उनकी कहानी आज भी सुनाई जाती है.
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अहिल्या (Ahalya)
रामायण के अनेकों पात्र में से एक हैं देवी अहिल्या. रामायण के अनुसार श्री राम वनवास के दौरान एक पत्थर से टकरा गए और उनके पैर जैसे ही उस शिला पर पड़े उससे एक जीविता महिला बाहर निकल आई. दरअसल देवी अहिल्या महर्षि गौतम की पत्नी थीं जो दिखने में बेहद खूबसूरत और पतिव्रता थीं. लेकिन अहिल्या की खूबसूरती पर देवराज इंद्र की बुरी नजर पड़ गई और उन्हें पाने के लिए देवराज इंद्र छल कर महर्षि गौतम के वन में तपस्या करने के ने उनका रुप धारण कर लिया और देवी अहिल्या के साथ ही वन में रहने लगे.
ऐसे में जब महर्षि गौतम वापिस लौटे और देवी अहिल्या को देवराइंद्र के साथ देखा तो उन्होंने देवी अहिल्या को श्राप दिया कि वो एक पत्थर की शिला बन जाएंगी और जब श्री राम के उस शिला पर पैर पड़ेंगे तब ही उन्हें उनका जीवन पुनः मिलेगा.
दमयंती (Damyanti)
पुराणों में वर्णित कई प्रेम कथाओं में एक कथा विदर्भ देश के राजा भीम की पुत्री दमयंती और निषध के राजा वीरसेन के पुत्र नल की भी है. दरअसल दमयंती दिखने में बेहद खूबसूरत थी वहीं नल एक शक्तिशाली राजा था और दोनों ने ही एक दूसरे की इतनी तारीफें सुन रखी थीं कि दोनों एक दूसरे को देखे बिना ही एक दूसरे से प्रेम करने लगे थे. वहीं जब दमयंती के स्वयंवर का आयोजन हुआ तो इन्द्र, वरुण, अग्नि तथा यम भी उन्हें प्राप्त करने के लिए वहां पहुंचे और चारों ने नल का रूप धारण कर लिया.
लेकिम 5 नल के समान चेहरे वाले पुरुषों को देख कर दमयंती डर गई मगर उनके प्रेम में इतनी शक्ति थी कि असली नल को वह पहचान गई और दोनों की शादी हो गई.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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